तोडी गई मूर्तियों सडकपर फेंकी गईं !
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नगर में ही ऐसी घटनाएं होती हो, तो राज्य के अन्य मंदिर कैसे सुरक्षित रह सकेंगे ?
- भाजपा के शासन में ऐसी घटनाएं होना हिन्दुओं की अपेक्षाओं से विपरीत !
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) : अज्ञात व्यक्तियों द्वारा गोरखपुर नगर के पादरी मंडी नटवीर बाबा मंदिर में देवताओं की १२ से भी अधिक मूर्तियों को तोडकर इन मूर्तियों को सडकपर फेंके जाने की घटना सामने आई है । इस घटना के कारण यहां के लोग क्षुब्ध हैं । इस घटना के पश्चात प्रशासन ने इन मूर्तियों को पुनः जोडकर उनपर कपडा ढंक दिया है । (इस प्रकार से भंग मूर्तियों को ढंककर न रखते हुए, उनका विसर्जन करना आवश्यक होता है; किंतु धर्मशिक्षा के अभाव से प्रशासन को यह बात ज्ञात नहीं होती । मूर्तियों की तोडफोड की कई घटनाओं के पश्चात प्रशासन और पुलिस विभाग इस प्रकार से मूर्तियों को जोडकर घटना की तीव्रता अल्प करने का प्रयास करते हैं । इस प्रकरण में भी प्रशासन की यही योजना दिखाई दे रही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
तोडफोड की घटना के पश्चात उत्पन्न तनाव के कारण यहां बडी संख्या में पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया है ।
पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता !
यहां के हिन्दू यह प्रश्न उठा रहे है कि पुलिस प्रशासन का गश्त का वाहन मंदिर के सामने की मुख्य सडकपर ही खडा था; किंतु घटना के समय इन पुलिसकर्मियों के ध्यान में यह क्यों नहीं आया ? (ऐसे निष्क्रिय पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सरकार क्या कार्यवाही करेगी ? सभी पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी ऐसा ही करेंगे, तो भविष्य में आतंकी आक्रमण के पश्चात क्या स्थिति बनेगी, इसकी कल्पना न करना ही अच्छा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
यहां लगाए गए सीसीटीवी छायाचित्रक भी तांत्रिकदृष्टि से दोषयुक्त होने से इस घटना का चित्रीकरण भी नहीं हो सका । पुलिस प्रशासन के मत के अनुसार किसी के द्वारा शरारत करने के लिए यह कृत्य किया है । (शरारत करने के लिए प्रत्येक बार हिन्दू देवताओं की मूर्तियों को ही क्यों लक्ष्य बनाया जाता है ? क्या पुलिस प्रशासन इसकी जानबूझकर अनदेखी तो नहीं कर रहा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात