जळगांव : छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज्य की भांति धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का उदात्त लक्ष्य रखकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशालाआें का आयोजन किया गया । १६ मार्च को साकळी में तथा १७ मार्च को यावल में एक दिवसीय कार्यशालाएं उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुईं ।
२७ फरवरी को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यावल में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा का आयोजन किया गया था । उसके पश्चात स्थानीय धर्मप्रेमियों की मांगपर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से साकळी एवं यावल में युवकों के लिए १० दिवसीय स्वरक्षा प्रशिक्षण शिविर लिया गया । इस शिविर के माध्यम से जिन धर्मप्रेमियों को आगे जाकर धर्मकार्य करने की इच्छा है तथा जिन्हें साधना सिखनी है; उन धर्मप्रेमियों को एकत्रित कर ये कार्यशालाएं ली गईं ।
साकळी की कार्यशाला में हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर तथा युवा संगठक श्री. निरंजन चोडणकर, साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति के जळगांव समन्वयक श्री. प्रशांत जुवेकर ने मार्गदर्शन किया । इन कार्यशालाआें में आगामी संकटकाल के परिप्रेक्ष्य में ‘साधना की आवश्यकता’, ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’, ‘हिन्दू राष्ट्र संगठक के रूप में काम करते समय हमारा आचरण कैसा होना चाहिए ? तथा ‘धर्माचरण का महत्त्व’ विषय लिए गए । ‘समाज में जाकर संपर्क कैसे करें ?’ तथा ‘समाज को राष्ट्र-धर्म का महत्त्व कैसे बताएं ?’, इन विषयोंपर आधारित प्रायोगिक भाग लिया गया । कार्यशाला के अंत में ‘अगले कार्य की दिशा कैसी होनी चाहिए ?’ विषयपर समूहचर्चा ली गई । इन दोनों कार्यशालाआें में ४५ धर्मप्रेमी उपस्थित थे । इन दोनों कार्यशालाआें में धर्मप्रेमियों से पाक्षिक बैठक, साथ ही सप्ताह में ३ दिन प्रशिक्षणवर्ग लेना सुनिश्चित किया गया । उपस्थित सभी धर्मप्रेमियों ने हिन्दू राष्ट्र के कार्य हेतु समय देने का निश्चय किया है ।
क्षणिकाएं
१. दोनों कार्यशालाआें में धर्मप्रेमियों ने अत्यंत उत्साह के साथ सहभाग लिया ।
२. यावल के ४ छात्रों की दूसरे दिन १०वीं कक्षा की परीक्षा थी; परंतु तब भी ये ४ छात्र संपूर्ण कार्यशाला संपन्न होनेतक रुके थे ।