Menu Close

हिन्दुद्वेषी जाकिर नाइक का फाइनेंसर मुंबई में गिरफ्तार

वर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को विवादास्पद एवं हिन्दुद्वेषी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एक सहयोगी को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी उसके तथा अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज धनशोधन के एक मामले में की गयी है। अधिकारियों ने बताया कि पेशे से जौहरी अब्दुल कादिर नजमुदीन साथक को धनशोधन निवारण कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि जौहरी अब्दुल कादिर को नाइक की सीधे तौर पर मदद करने, सांप्रदायिक आधार पर नफरत फैलाने और एक खास समुदाय को कट्टरपंथ की ओर उन्मुख करने के उद्देश्य से वीडियो बनाने और उनका प्रसारण करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात से संदिग्ध स्रोत से आए धन का स्थानांतरण कर धन शोधन करने में उसकी सहायता करने में भूमिका के लिए धनशोधन निवारण कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि एजेंसी नए प्रमाणों के आधार पर जल्द ही एक नया आरोपपत्र दाखिल करेगी। अधिकारियों का आरोप है कि जौहरी अब्दुल कादिर ने लगभग ५० करोड रुपए सीधे नाइक को भेजे थे जिन्हें यह उपदेशक बाद में गैरकानूनी तरीके से बाहर ले गया। उन्होंने कहा कि नजमुदीन साथक ”ग्लोबल ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन एफजीई एलएलसी” का निदेशक भी है जो नाइक के पीस टीवी चैनल की स्वामी कंपनी है। उसे मुंबई की एक विशेष न्यायलय के समक्ष पेश किया जाएगा।

यह भी पढें : आतंकी गत‍िव‍िध‍ियों के आरोपी जाक‍िर नाइक का बयान- ‘तुम मुझे फांसी दोगे तो मैं शहीद कहलाऊंगा’ !

बताया जाता है कि ‘ग्लोबल ब्रॉडकास्टिंग” पर नाइक का अपने भरोसेमंद सहयोगी जौहरी अब्दुल कादिर के माध्यम से नियंत्रण है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि ”७९ करोड रुपये की राशि ग्लोबल ब्रॉडकास्टिंग से मेसर्स हार्मनी मीडिया प्रा लि को मिली। परंतु इस राशि से नाइक के विवादित उपदेशों के वीडियो बनाना और पीस टीवी के माध्यम से बडी संख्या में दर्शकों तक पहुंच पाना संभन नहीं होता।”

प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि ग्लोबल ब्रॉडकास्टिंग द्वारा हार्मनी मीडिया को भेजे गए कोषों का स्रोत संदिग्ध है क्योंकि इस चैनल पर कोई विज्ञापन प्रसारित नहीं किए जाते और जौहरी अब्दुल कादिर ने इस बारे में कोई ब्यौरा भी नहीं दिया है।

यह भी पढें : इस्लामिक स्टेट में भर्ती होने गए जिहादी को जाकिर नाइक की संस्था ने दी थी ८० हजार की छात्रवृत्ति

नाइक के खिलाफ २०१६ से जांच चल रही है और केंद्र सरकार ने उसके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। भारत आतंकवाद संबंधी गतिविधियों और नफरत भरे भाषणों के लिए वांछित नाइक के बारे में कहा जाता है कि वह २०१६ में देश छोड कर मलेशिया चला गया और वहीं रह रहा है।

स्त्रोत : लाइव हिन्दुस्तान

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *