सरपंच-उपसरपंच ने परियोजनाग्रस्त के रूप में लाभ प्राप्त करवाने के लिए व्यक्ति की संपत्ति दर्शाई, जिसका गांव से कोई संबंध नहीं, अलीबाग न्यायालय का अपराध प्रविष्ट करने का आदेश !
मुंबई : रायगढ जनपद स्थित पेण तहसील के वरसई गांव कुप्रसिद्ध बाळगंगा परियोजना से ग्रस्त है । परियोजना से ग्रस्त लोगों को उनकी कृषिभूमि अथवा बंजरभूमि का मुआवजा मिलता है । उसी प्रकार परियोजनाग्रस्त लोगों के घरों का अवक्षय निकालकर (अर्थात भवन निर्माणकार्य के लिए उपयोग की गई सामग्री, निर्माणकार्य को कितना समय हो चुका है आदि से) उसका आज का मूल्य निश्चित कर मुआवजा दिया जाता है । यह मुआवजा देते समय ग्रामपंचायत के अभिलेख का आधार लिया जाता है । ग्रामपंचायत के अभिलेख के अनुसार घरों अर्थात संपत्ति की संख्या और उनके वर्णन के आधार पर ही परियोजनाग्रस्त संपत्ति का मूल्यांकन कर उसके अनुसा परियोजनाग्रस्त को मुआवजा दिया जाता है । इस बात का लाभ उठाते हुए वरसई ग्रामपंचायत के सरपंच नीरा सुकीर वीर और उपसरपंच श्रीमती ज्योत्स्ना चंद्रकांत होजगे ने रामदास परशुराम बारटक्के नामक व्यक्ति के नाम से वरसई गांव में संपत्ति होना दर्शाया है । ग्रामपंचायत के अभिलेख पर इस व्यक्ति की संपत्ति का क्रमांक 484 दिखाई देता है; परंतु यह संपत्ति घर है अथवा गोशाला है अथवा अन्य कुछ है, ऐसा कोई उल्लेख दिखाई नहीं देता । उसी प्रकार प्रत्यक्ष गांव में ऐसे किसी व्यक्ति का घर अथवा गोशाला अथवा अन्य कुछ भी दिखाई नहीं देता । उसी प्रकार इस नाम का व्यक्ति अस्तित्व में है अथवा नहीं, यदि है, तो उसका गांव से क्या संबंध है ?, ऐसे अनेक प्रश्न उपस्थित होते हैं ।
इतना ही नहीं, यह संपत्ति रामदास बारटक्के को वसीयत के रूप में प्राप्त हुई है कि उनके द्वारा खरीदी गई है अथवा उन्हें पारितोषिक पत्र से मिली है कि किराए से ली है, निर्माणकार्य के लिए आवश्यक अनापत्ति पत्र, बिजली के लिए लगनेवाला अनापत्ति पत्र अदि किसी प्रकार के कागजात ग्रामपंचायत के अभिलेख में उपलब्ध नहीं हैं, यह सूचना के अधिकारों से मिली जानकारी से स्पष्ट हुआ है । इससे यह स्पष्ट होता है कि रामदास बारटक्के नामक व्यक्ति को आर्थिक रूप में मुआवजा मिलने के उद्देश्य से उस व्यक्ति के नाम से प्रत्यक्ष संपत्ति न होते हुए उसके नाम से दिखाने का कार्य सरपंच और उपसरपंच ने किया है ।
यह भ्रष्टाचार होने के कारण बालगंगा परियोजना भ्रष्टाचारविरोधी संघ के सदस्यों ने पुलिस थाने में संबंधितों के विरोध में शिकायत की;परंतु पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । इसलिए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के अंतर्गत अलीबाग के विशेष सत्र न्यायालय से न्याय मांगना पडा । उस पर सुनवाई हुई । बालगंगा परियोजना भ्रष्टाचार विरोधी संघ के सदस्यों की ओर से हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता वसंत बनसोडे ने तर्क किया । अधिवक्ता बनसोडे का तर्क सुनकर अलिबाग के विशेष सत्र न्यायालय ने वरसई ग्रामपंचायत के सरपंच नीरा सुकीर वीर और उपसरपंच ज्योत्स्ना चंद्रकांत होजगे के विरोध में अपराध प्रविष्ट कर ब्यौरा प्रस्तुत करने का आदेश पुलिस को दिया है ।
इस प्रकरण में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी हिन्दू विधिज्ञ परिषद का यह संघर्ष ऐसे ही चलता ही रहेगा ।