पुरखों की प्राचीन आध्यात्मिक देन तथा साधु-संतों का मार्गदर्शन मिलने वाले भारत को आध्यात्मिक शक्ति का महत्त्व कब ध्यान में आएगा ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
कोलंबो : श्रीलंका में जारी बिजली संकट से निपटने के लिए सरकारी बिजली कंपनी अब भगवान की शरण में जा रही है। कंपनी ने गुरूवार को ईश्वर से मदद मांगने के लिए बौद्धों के लिए पवित्र माने जाने वाले श्री महाबोधि वृक्ष की पूर्जा अर्चना के लिए भेजा है।
कंपनी को उम्मीद है कि इससे बिजली संकट को जल्द खत्म किया जा सकेगा। देश के उत्तरी हिस्से में उस पेड़ में पवित्र जल अर्पण करने के लिए कंपनी ने अपने दूतों को भेजा है। बताते चलें कि श्रीलंका में सूखे के कारण जल-विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है।
देश में बीते एक सप्ताह से बिजली का संकट चला रहा है। हालांकि, राजधानी कोलंबो इससे प्रभावित नहीं हुई है। परंतु, श्रीलंका के बाकी क्षेत्रों में हर रोज प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और निवासियों को बिना कोई चेतावनी दिए अचानक “लोड शेडिंग” की जा रही है।
बहुप्रतीक्षित बारिश की उम्मीद में देश में बिजली आपूर्तिकर्ता सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने कहा है कि ‘श्री महाबोधि वृक्ष’ की पूर्जा की जाएगी। यह पेड अनुराधापुर में है और २.१० करोड जनसंख्या वाले इस देश में बहुतायत में रहने वाले बौद्ध धर्मावलंबियों की इसमें गहरी आस्था है।
बौद्ध भिक्षुओं का आशीर्वाद लेकर जल पात्रों को बोधि भेजा गया है। इस वृक्ष की सुरक्षा के लिए २४ घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। कहा जाता है कि यह पेड उस विशाल पेड का हिस्सा है, जिसके नीचे करीब २५०० साल पहले भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। (कहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति होनेवाले पेड के हिस्से का संवर्धन, रक्षण करनेवाला श्रीलंका तो कहां प्रभु श्रीराम ने जहां जन्म लिया वहां उनका मंदिर बनाने में भी असमर्थता दिखाने वाला भारत ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति)
सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि बोधि के निकट पूजा अर्चना की जाएगी और पूरी रात चलने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के बाद कल बौद्ध भिक्षुओं को भोजन कराया जाएगा। बताते चलें कि लंबे समय से चल रही बिजली की कटौती के कारण एक नई समस्या उत्पन्न हो गई है। कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठान जेनरेटर के लिए ईंधन की जमाखोरी कर रहे हैं।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया