इंटरनेशनल डेस्क : खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के सिर्फ लड़ाके ही क्रूर नहीं, बल्कि उसमें शामिल महिलाएं भी बर्बरता का दूसरा नाम हैं। इस्लामिक स्टेट में ‘अल खान्सा’ (खुफिया पुलिस) नाम से एक ब्रिगेड है, जिसे सिर्फ महिलाएं ऑपरेट करती हैं। इसका काम उन महिलाओं व लड़कियों को सजा देना है, जो सख्त शरिया कानून का उल्लंघन कर रही होती हैं।
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर इन दिनों कई ब्रिटिश महिलाओं का दावा है कि उन्होंने आईएसआईएस की इस खुफिया पुलिस (अल खान्सा) को ज्वॉइन किया है। ग्लासगो से भागी २० वर्षीय ब्रिटिश अक्सा महमूद के भी इसमें शामिल होने की खबर है। यह ब्रिगेड खासतौर पर इस्लामिक स्टेट की कथित राजधानी रक्का में सक्रिय है। टेररिज्म रिसर्च एंड अनालिसिस कंसोर्टियम की रिपोर्ट के मुताबिक, अल खान्सा लगभग ६० ब्रिटिश महिलाओं का ब्रिगेड है। जिसकी सरगना छह फीट लंबी उम्म हम्जा है।
ब्रिगेड का क्या काम?
अल खान्सा के जरिए आईएसआईएस, इस्लामिक स्टेट की महिलाओं में दहशत कायम रखना चाहता है। अगर कोई महिला दोषी पाई जाती है, तो ब्रिगेड उसका सिर कलम करने और सूली चढ़ाने से लेकर उसे कोड़े मारने तक की सजा सुना सकता है। इससे इतर ब्रिगेड वेश्यालयों का भी संचालन करता है, जिसमें बंधक यजीदी महिलाओं से काम लिया जाता है। इसके अलावा बंधकों की खरीद-फरोख्त भी की जाती है।
बुर्के के भीतर से रखती हैं नजर
स्थानीय मीडिया कार्यकर्ता अबू अल-हमजा की मानें, तो ब्रिगेड हथियारों से लैस है। इसके अलावा महिलाएं बुर्के की आड़ में छुरा लेकर चलती हैं। इनके निशाने पर वैसी महिलाएं होती हैं, जिनका बुर्का या तो पतला होता है या फिर शरीर ठीक तरह से ढंका नहीं होता है।
ग्लासगो से भागकर आईएसआईएस ज्वॉइन करने वाली अक्सा महमूद द्वारा ट्विटर पर पोस्ट की गई तस्वीर
सीरिया में कुछ इस तरह यजीदी बंधकों को बेड़ियों में जकड़कर गुलाम बाजार में बेचने के लिए ले जाया जाता है।
हथियारबंद अल खान्सा ब्रिगेड की सदस्य अपने बेटे के साथ।
स्त्रोत : भास्कर