नई देहली : सीमा पर एयर स्ट्राइक से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत के खिलाफ नई साजिश रचने में जुटी हुई है। आजतक को खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई नेपाल की सेना में चुपचाप नए तरीके से घुसपैठ करने की कोशिश में लगी हुई है। इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां की सेना नेपाल की राजधानी काठमांडू में नेशनल डिफेंस कॉलेज बना रही है। चीन की तर्ज पर पाकिस्तान नेपाल से नजदीकी बढाने की कोशिशों में लगा हुआ है ताकि वो नेपाल में भारत के प्रभाव को कम कर सके।
सुरक्षा एजेंसी से जुडे एक अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान और नेपाल के बीच नेशनल डिफेंस कॉलेज बनाने को लेकर पिछले कुछ दिनों में कई राउंड की बैठक हो चुकी है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तान, नेपाल में नेशनल डिफेंस कॉलेज बनाना चाहता है वहीं काठमांडू में स्थित पाक हाई कमीशन एंटी इंडिया प्रोपगेंडा भी चला रहा है।
पाकिस्तान पिछले कुछ वर्षों में नेपाल के साथ अपने रिश्तों को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है, जिससे वो भारत के प्रभाव को कम कर सके। पिछले दिनों एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान, नेपाल में भारत विरोधी और आतंकी गुटों की मदद करने में लगा हुआ है जिससे आतंकी नेपाल और भारत की खुली सीमा का फायदा उठा कर भारत में दाखिल हो सके।
सबसे पहले आजतक ने पिछले साल अगस्त के महीने में खुलासा किया था कि किस तरीके से नेपाल के जरिए आतंकी मॉड्यूल को पालने का काम पाकिस्तान खुफिया एजेंसी लगातार कर रही है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, नेपाल के मोरंग जिले में लश्कर-ए-तैयबा का संदिग्ध मौलाना उमर मदनी नया मॉड्यूल बनाकर भारत विरोधी गतिविधियों को फैलाने में लगा है। खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि मौलाना मदनी, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है और वो नेपाल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी के जरिए भारत विरोधी गतिविधियों को धड़ल्ले से फैला रहा है। खुफिया एजेंसी द्वारा गृह मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉर्डर से सटे कुछ नेपाल के जिलों में मौलाना मदनी अपने एनजीओ के जरिए विदेशों से फंड मंगा रहा है। इस फंड का उपयोग वो बॉर्डर एरिया में रहने वाले भोले-भाले युवाओं का ब्रेनवॉश कर लश्कर में शामिल करने के लिए कर रहा है।
खुफिया एजेंसियों ने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि कैसे नेपाल रूट से विदेशों का पैसा नेपाल के एनजीओ में आ रहा है। इस एनजीओ का उपयोग मदनी मुस्लिम युवाओं को लश्कर में शामिल करने के लिए कर रहा है। इतना ही नहीं एक रिपोर्ट यह भी आई है कि कतर से पैसा नेपाल के रास्ते आ रहा है, जिसका इस्तेमाल भारत के बॉर्डर पर मौजूद मस्जिदों के मौलवियों को देकर गलत गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान के लिए १७५१ किमी तक खुली भारत- नेपाल की सीमा सबसे लाभकारी रही है। यही वजह है कि खूंखार आतंकी बाघा या अन्य बॉर्डर की बजाय इस रूट को ज्यादा तरजीह देते हैं। हालांकि एसएसबी इस बॉर्डर की सुरक्षा में रहती है और कई बार उसने घुसपैठ के दौरान कई आतंकियों को पकड़ा भी है।
स्त्रोत : आज तक