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हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी की हरियाना यात्रा

हरियाना में विविध जगहों पर व्याख्यान और संपर्क के माध्यम से धर्मप्रेमियों को साधना के संदर्भ में, साथ ही हिन्दुओं को धर्मशक्ति बढाने के संदर्भ में मार्गदर्शन

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

सोनिपत में हिन्दू युवकों के लिए मार्गदर्शन

साधना में संयम और धर्मरक्षा हेतु धर्म का अध्ययन महत्त्वपूर्ण !

सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने कहा कि, धर्मशिक्षा के अभाव से आज का हिन्दू युवक धर्म का पक्ष रखते समय उसका शास्त्रशुद्ध विवेचन नहीं कर सकता ! आज लोग व्यक्तिस्वातंत्र्य की बातें तो करते हैं; परंतु हिन्दुओं को अपना मत रखने का अधिकार नहीं है ! संविधान में ‘सेक्युलर’ शब्द घुसेड़ कर खान-पान एवं आचरण की स्वतंत्रता के नाम पर स्वैराचार चल रहा है और उसके माध्यम से हिन्दू धर्मपर आघात करने का षड्यंत्र सफल बनाया जा रहा है ! हिन्दू धर्म की अपकीर्ति टालने हेतु हर हिन्दू ने धर्म का अध्ययन कर उसका विवेचन करना आवश्यक हो गया है। मंदिरें धर्मशिक्षा के केंद्र बनने चाहिए ! हम आज विज्ञान की शिक्षा लेते हैं; परंतु जिन्होंने विज्ञान में उन्नति की है, ऐसे अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देश के नागरिक अब हिन्दू धर्म का अध्ययन कर रहे हैं ! उन्हें हमारे मंदिर में दिए जानेवाला तीर्थ और प्रसाद का महत्त्व ध्यान में आ रहा है ! हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था हिन्दू धर्म का अध्ययन कैसे करना चाहिए ?, यह ध्यान में आए; इसके लिए शोधकार्य कर रहे हैं ! सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने सोनीपत के धर्माभिमानी युवकों को संबोधित करते हुए ऐसा प्रतिपादित किया।

श्री. राकेश कुमार ने कुंभपर्व में समिति की ओर से आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया था। उन्होंने ही इस बैठक का आयोजन किया।

हिसार के धर्माभिमानियों में हिन्दूतेज जगा !

हिन्दूहित के लिए न्यायोचित पद्धति से संविधान लागू करना आवश्यक !

देश में सर्वदलीय सरकारें हिन्दू मंदिरों का पैसा तो ले रही है; किंतु उनमें मस्जिदों को अपने नियंत्रण में लेने का साहस नहीं है ! इस माध्यम से हिन्दुओं के साथ वैचारिक और बुद्धिजन्य धोखाधडी की जा रही है। संविधान यदि सभी के साथ समान न्याय की बात करता है, तो देश में संविधान को वास्तविक रूप से लागू कर समान नागरिकता कानून का क्रियान्वयन किया जाना आवश्यक है। इस देश में धर्म के आधार पर कानूनों का अलग-अलग अर्थ निकाला जाता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है ! स्वातंत्र्य के पश्‍चात हिन्दू धर्म को मिटाने की दिशा में हर तरह के प्रयास किए गए हैं। हिन्दू धर्म मनुष्य को सात्त्विकता की ओर ले जाता है। आज विविध वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से सात्त्विक और तामसिक आहार में स्थित भेद को पहचनना संभव हो रहा है और इस दिशा में सनातन संस्था बडी मात्रा में शोधकार्य कर रही है। रज-तम से सत्त्व की ओर जाने हेतु साधना ही एकमात्र उपाय है। आज समाचारपत्र पढकर मन में अनेक नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। हमें हिन्दुओं को सकारात्मकता की ओर ले जाना है !

हरियाना के हिसार जिले के हांसी नगर में बजरंग दल के जिलाप्रमुख श्री. किशन गुर्जर ने सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के मार्गदर्शन का आयोजन किया। इस मार्गदर्शन में यहां के अन्य धर्माभिमानी हिन्दू भी उपस्थित थे।

करनाल में साधना के संदर्भ में मार्गदर्शन

संकटकाल तीव्रगति से निकट आ रहा है; इसलिए मनुष्य के सामने साधना के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है !

मंदिरों के न्यासियों को मार्गदर्शन करते हुए सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

आनेवाले समय में युद्ध सीमा पर अल्प मात्रा में और देश के अंतर्गत क्षेत्रों में बडी मात्रा में लडा जाएगा, ऐसी स्थिति बन रही है ! भारत में देशद्रोही प्रवृत्ति का खुलेआम समर्थन किया जा रहा है। देश में एक-दूसरें में मतभेद उत्पन्न करने हेतु बडी मात्रा में दुष्ट शक्तियां कार्यरत हैं। अध्यात्म के व्यासपीठ पर राजनैतिक लोगों को प्रवेश दिया गया, तो उससे राष्ट्र एवं धर्म को बडी मात्रा में हानि पहुंचती है ! अवनत होना काल की गति है; किंतु व्यक्तिगत जीवन में पतन न हो; इसके लिए प्रयास करना ही पुरुषार्थ है ! ईश्‍वरनिष्ठा से प्रयास करने से ईश्‍वर हमारे साथ खडे होते हैं और वे ही अवनत होने से हमारी रक्षा करते हैं ! सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा मार्गदर्शन किया।

करनाल नगर के सारस्वत ब्राह्मण धर्मशाला के न्यासियों का मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रहे थे। इस अवसरपर धर्मशाला के प्रधान श्री. सुभाषचंद्र शर्मा एवं अन्य मान्यवर न्यासी उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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