हिन्दुआें के त्यौहारों को निशाना बनाकर पथराव किया जाता है, त्यौहारों पर ही शांतता, सुरक्षा एवं सुव्यवस्था का कारण देकर रैली, शोभायात्रा को अनुमती नही मिलती ! यदि एेसी ही स्थिती रही तो कुछ वर्ष में ही भारत में हिन्दू असुरक्षित हो जाएगा ! यह स्थिती बदलने हेतु अब हिन्दू राष्ट्र लाना यही एकमात्र विकल्प है ! – सम्पाक, हिन्दुजागृति
रामनवमी शोभायात्रा के बाद शनिवार शाम वापस सूरसागर की आेर लौट रहे कुछ युवक नारे लगाते निकले तो वहां कुछ धर्मांधों ने उन पर पथराव कर दिया। कुछ ही देर में वहां तनाव की स्थिति बन गई और दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। भीड ने व्यापारियों का मोहल्ला की आेर से सामने मुख्य मार्ग स्थित दुकानों पर पथराव किया। वहीं, कुछ लोगों ने दो बाइक और एक स्कूटर को आग लगा दी। एक घर से तो बदमाश स्कूटी ही लूटकर ले गए। इनमें से अधिकांश पत्थरबाजों ने अपने चेहरे रुमाल व कपडे से ढंके हुए थे। हालांकि इस स्थान से कुछ दूरी पर स्थित चौराहा पर पुलिस बल पहले से तैनात था। वो जब तक इलाके में पहुंचा तब तक एकबारगी हालात बेकाबू होते नजर आए। उत्पाती भीड ने काफी देर पथराव किया, परंतु पुलिसकर्मी कम संख्या में होने के चलते वे पत्थरबाजों पर काबू नहीं कर पाए। माहौल बिगडने की सूचना पर डीसीपी (वेस्ट) मोनिका सैन, एडीसीपी (वेस्ट) कैलाशदान रतनू सहित कई अधिकारी आरएसी व अतिरिक्त जाब्ते के साथ यहां पहुंचे, परंतु पथराव जारी रहा। इसमें एक एसीपी के ड्राइवर रजनीश कुमार सहित कुछ अन्य लोग भी घायल हो गए। पुलिस की एक गाडी के शीशे भी पथराव में टूट गए।
स्थिति को संभालने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल ने डंडे फटकारे, तब कहीं जाकर उत्पाती वहां से भाग निकले। हालात की जानकारी मिलने पर डीसीपी (मुख्यालय-यातायात) डॉ. रवि के साथ अन्य अधिकारी भी सूरसागर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने पथराव करने वाले युवकों को घरों से पकड-पकडकर बाहर निकाला। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को भी सूरसागर सुभाष चौक इलाके में दो गुटों के कुछ युवक मामूली बात को लेकर आपस में भिड गए थे। इस दौरान एक गुट ने दूसरे की बाइक तोड डाली। इसके बाद दोनों गुटों में मारपीट हुई। घटना के संबंध में एक गुट ने सूरसागर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस-आरएसी, एसटीएफ, वज्र-आंसू गैस टीम तैनात की
पुलिस व आरएसी तैनात कर पुलिस ने उत्पाती युवकों की धरपकड शुरू कर दी। इस बीच रात ८.२० बजे पेट्रोल पंप के पीछे इलाके में धमाका सुनाई दिया। मुख्य मार्ग पर मौजूद पुलिस अफसर उस आेर दौडे, तो दो युवकों ने पुलिस को आकर बताया कि बोतल में पेट्रोल डालकर विस्फोट किए हैं। इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई। हालात काबू करने स्पेशल टास्क फोर्स, वज्र टीम भी सूरसागर पहुंची। पुलिस की टीमें अश्रु गैस व अन्य संसाधनों के साथ पूरे इलाके में तैनात कर दी गई। हंगामे व उपद्रव के दौरान पूरे इलाके के अधिकांश घर बंद कर लोग भीतर दुबके नजर जाए। तनाव की स्थिति और पथराव की सूचना मिलने पर भाजपा प्रत्याशी गजेंद्रसिंह शेखावत भी सूरसागर पहुंचे। तब तक पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ भी सूरसागर पहुंच चुके थे। शेखावत ने पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों से चर्चा कर असली दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।
इतनी देर पत्थरबाजी : पूर्व नियोजित साजिश से इनकार नहीं
सूरसागर इलाके में हुए उपद्रव का एक लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर आया। करीब १३ मिनट के इस वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सूरसागर मुख्य मार्ग पर स्थित दो घरों की छतों पर करीब एक दर्जन पत्थरबाज खडे हैं। वे रह-रहकर पुलिस पर पथराव करते दिख रहे हैं। इन्हीं पत्थरबाजों के वार से एक पुलिसकर्मी के सिर में चोट आई। इतना कुछ होने के बावजूद पुलिस उन दोनों मकानों की छत पर चढ़कर पत्थरबाजों को पकडने की बजाय मूकदर्शक बनी नजर आई। पुलिस न तो उन घरों में घुसी और न ही बाहर से आंसू गैस के गोले ही छोडे।
२ दिन पहले तनाव के बावजूद नहीं खंगाली घरों की छतें
सूरसागर के इसी इलाके में गुरुवार को तनाव की स्थिति बनी थी। इसके बाद रामनवमी महोत्सव समिति ने पुलिस प्रशासन को विशेष सुरक्षा इंतजाम करने का आग्रह भी किया था। इसके बावजूद कई घरों की छतों से पुलिस पर पथराव होता रहा। समय रहते पुलिस ने यदि इस इलाके के घरों की छतों की तलाशी ली होती या ड्रोन कैमरों से इस इलाके का सर्वे ही किया होता, तो संभवतया हालात इतने नहीं बिगडते।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर