हिन्दुओं को जागृत करने का अर्थ है, ‘साधना के द्वारा उनमें विद्यमान ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेज को जागृत करना’ ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी
बुटवल (नेपाल) : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने ५.४.२०१९ को यहां के श्री मोक्षधाम आश्रम के अध्यक्ष श्री. रोमानी प्रसाद पाठक और आश्रम के कुछ सदस्यों से भेंट ली। इस अवसर पर उनके साथ विचार-विमर्श करते हुए सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी ने कहा, ‘‘नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु राजनेताओं पर दबाव बनाने का कार्य करना होगा ! आज के राजनेता हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं कर सकते; क्योंकि वे किसी भी सिद्धांत के अनुसार नहीं चलते। मर्कटलीलाओं की भांति वे केवल अपना राजनीतिक दल ही नहीं, अपितु अपने सिद्धांत भी बदलते रहते हैं ! धार्मिक संगठनों की भी यही स्थिति होने के कारण अब लोगों में संगठन एवं साधु-संतों के प्रति भी विश्वास नहीं रहा है ! कौन क्या नहीं करता, इसकी चर्चा की अपेक्षा मैं क्या करता हूं, इसकी ओर ध्यान देकर कार्य किया गया, तो हिन्दू राष्ट्र निश्चित रूप से आएगा। आज हिन्दुओं को जागृत करने का अर्थ है ‘साधना के द्वारा उनमें विद्यमान ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेज को जागृत करना’; क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने कह रखा है, ‘न मे भक्त: प्रणश्यति।’ (श्रीमदभगवद्ता, अध्याय ९, श्लोक ३१) अर्थात ‘मेरे भक्त का कभी नाश नहीं होता !’ संगठन में शक्ति होती है; किंतु यह संगठन धर्माचरणऔर साधना करनेवालों का होना चाहिए !’’
अनासक्त होने पर ही वास्तविक संन्यास प्राप्त होता है ! – सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी
पोखरा (नेपाल) : सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने ६.४.२०१९ को पोखरा (नेपाल) में स्वामी बोधानंद से भेंट ली। इस अवसर पर सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी ने उन्हें सनातन आश्रम में सनातन वैदिक धर्म में बताई गई साधना एवं परंपराओं का मनुष्य पर होनेवाले परिणामों के संदर्भ में विविध वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से किए जा रहे शोधकार्य की विस्तृत जानकारी दी। सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने कहा, ‘‘हिन्दुओं ने कर्मकांड छोड दिया है, वे वर्णाश्रमव्यवस्था को नहीं मानते और ऐसा होते हुए भी वे स्वयं को हिन्दू कहलाते हैं ! ईश्वरप्राप्ति हेतु केवल ध्यान ही नहीं, अपितु ज्ञान भी चाहिए। अनासक्त होनेपर ही वास्तविक संन्यास प्राप्त होता है !’’
आनेवाले भीषण संकटकाल में रक्षा हेतु सभी ने साधना कर तपोबल को बढाने की आवश्यकता ! – सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी
७.४.२०१९ को सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी ने पोखरा, नेपाल के श्री विंद्यवासिनी मंदिर के महंत श्री निःशेषानंद महाराज से भेंट ली। इस अवसर पर महंतजी ने सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी एवं उनके साथ आए साधकों की आस्थापूर्वक पूछताछ की, साथ ही हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित किए जानेवाले अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के संदर्भ में विस्तार से जान लिया। समिति के कार्य की प्रशंसा करते हुए महंतजी ने कहा, ‘‘अगली बार मैं ही लोगों को एकत्रित करूंगा और तब आप उनका मार्गदर्शन करें ! यहां हमारा आश्रम है। आप कभी भी आश्रम आईए। आप अपने कार्य के लिए हमारे आश्रम का उपयोग कर सकते हैं !’’
इस अवसर पर उन्होंने स्वयंस्फूर्ति से नेपाली केबल वाहिनी के माध्यम से प्रसारण के लिए सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी का संदेश ध्वनिमुद्रित (रेकॉर्ड) कर लिया !
युवकों को धर्माचरण की शिक्षा दी गई, तो वे धर्मकार्य में सहभागी होंगे ! – सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी
पोखरा (नेपाल) : विश्व हिन्दू महासंघ, जिला कार्य समिति, कास्की एवं केदारेश्वर महादेव मणि सेवा आश्रम की ओर से नेपाली नववर्ष २०७६ के पंचांग का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में उपस्थित जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन करते हुए सद्गुरु (डॉ.)पिंगळेजी ने कहा, ‘‘आज हिन्दुओं को धर्म क्या होता है ?, पंथ क्या होता है ?, संप्रदाय क्या होता है ?, धर्मनिरपेक्षता की संकल्पना क्या है ?, क्या हम सभी उपासनापद्धतियों को धर्म कह सकते हैं ? आदि पर विचार करने की आवश्यकता है। आज युवकों को प्रत्येक धार्मिक कृती का जीवन में महत्त्व एवं उसका शास्त्र, साथ ही धर्म में बताई गई सभी बातों का हम जीवन में किस प्रकार से आचरण कर सकते हैं ?, यह बताने की आवश्यकता है। तभी वे हमारे साथ धर्मकार्य में सहभागी होंगे, अन्यथा वे पाश्चात्त्य संस्कृति की ओर खींचे जाएंगे।’’ इस कार्यक्रम में केदारेश्वर महादेव मंदिर के महंत डॉ. लेकराज आचार्य महाराज, नेपाल के सांसद श्री. सूर्य बहादूर केसी, साथ ही सनातन हिन्दू धर्म परिषद, नेपाल ब्राह्मण सभा, कालबाह्य मंदिर संरक्षण समिति एवं विश्व हिन्दू महासंघ के सदस्य उपस्थित थे।
नेपाल एवं भारत हिन्दू राष्ट्र बनें; इसके लिए चिनवन में नववर्षारंभ अर्थात गुढीपाडवा के मंगल दिवस पर सामूहिक प्रार्थना
चिनवन (नेपाल) : ६.४.२०१९ को सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (गुढीपाडवा) अर्थात नववर्षारंभ के दिन नारायणघाट, चिनवन (नेपाल) की राष्ट्रीय धर्मसभा, नेपाल के सदस्य श्री. रामचंद्र पिया, श्री. प्रकाश ढकाल और उनके परिजनों से भेंट ली एवं उनके साथ नेपाल एवं भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर होने हेतु सामूहिक प्रार्थना की !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात