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मंदिरोंके राष्ट्रीयकरणके दुष्परिणाम !

फाल्गुन शुक्ल १४ , कलियुग वर्ष ५११४

दारवा (जनपद यवतमाल) : – यवतमाल जनपदके दारवा तहसीलमें तळेगाव शेंद्र (बु.) गांवमें स्थित पंढरपुरके भगवान श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरको दानमें मिली कई एकड भूमि प्रबंधकोंने हथियानेकी घटना सामने आई है । धर्माभिमानी हिंदू श्री.भीमराव राठोडद्वारा सूचना अधिकारके माध्यमसे यह भ्रष्टाचार उजागर किया है । (हिंदुओंके मंदिरोंका राष्ट्रीयकरण होनेके कारण भ्रष्ट राजनेता अब मंदिरोंकी भूमि भी हथिया रहे हैं । इसस्थितिमें परिवर्तन  करने हेतु हिंदू  राष्ट्र स्थापित करना अनिवार्य है !-संपादक-दैनिक सनातन प्रभात) इस अनुचित व्यवहारके कारण वारकरी बंधुओंमें विक्षोभकी लहर फैल गई है । यद्यपि नवंबर २०१२ में यह अनुचित व्यवहार उजागर किया गया था  किंतु  अबतक इस संदर्भमें पंढरपुरके भगवान श्रा विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समितिके अध्यक्षद्वारा कोई स्पष्टिकरण नहीं दिया गया है । यवतमालके विधायक श्री.संदीप बाजोरिया वर्तमान  अर्थसंकल्पीय अधिवेशनमें विधानसभामें इस विषयके संबंधमें प्रश्न उपस्थित करेंगे ।

दैनिक सनातन प्रभातके प्रतिनिधिने इस संदर्भमें सामाजिक कार्यकर्ता एवं धर्माभिमानी हिंदू श्री.राठोडसे संपर्क किया । उस समय उन्होंने पंढरपुरके मंदिर समितिके विषयमें आगेके अनुसार मत प्रदर्शित किया –

  • .पंढरपुरके मंदिर समितिके अध्यक्षकी ओर इस विषयमें अनेकबार अनुवर्ति प्रयास किया गया । परंतु कोई प्रतिसाद नहीं मिला ।

  • पशुवधिकको गौएं े विक्रय करनेके प्रकरणमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा पंढरपुरके मंदिर समितिके विरोधमें आंदोलन किया गया था ।

  • इस संबंधमें विचार-विमर्श  चल रहा  है कि ,भूमिके अनुचित व्यवहार(भ्रष्टाचार।)- प्रकरणमें भी , क्या मंदिर समितिने परस्पर मिलीभगत कर व्यवहार किया है ।

  • श्री विठ्ठल-रुक्मिणी  पूरे महाराष्ट्रकी आराध्य देवता है एवं ऐसे बडे देवस्थानकी भूमिके संदर्भमें भ्रष्टाचार की घटना निंदनीय है तथा यह धर्मपर बहुत बडा अघात  है ।

यदि पंढरपुरकी  देवस्थान समितिद्वारा प्रार्थनापत्र दिया जाए , तो दानमें दिए गए भूमिके मूल मालिकका नाम निरस्त करेंगे ! – बाळासाहेब थोरात

मुंबई, (महाराष्ट्र) -पंढरपुरके भगवान श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर देवस्थानको प्राप्त भूमिमेंसे भुलाई गांवकी ओरसे r ५ एकड, ‘शेंद्रा’कीओरसे ३२ एकड एवं तळेगावकी ओरसे १२ एकड, इस प्रकार  कुल मिलाकर ४९ एकड भूमि निजी मालिकोंके नामपर ही ।।r है; इसलिए उसमेंसे मौजे भुलाईकी ५ एकड भूमिपर भी अबतक कुल )उत्तराधिकारी के व्यक्तिगत नाम स्थायी है । यदि देवस्थान समितिद्वारा बिनंती की जाए , तो मूल मालिकके नाम निरस्त कर पूरी भूमि देवस्थानके नामपर की जाएगी, ऐसा आश्वासन तारांकrत ( महत्वपूर्ण) प्रश्नोंके ।उत्तर देते समय उन्होंने दिया । विधायक श्री.संदीप बाजोरियाने तारांकिrत प्रश्नोंमें कुछ इस प्रकारके प्रश्न उपस्थित किए थे – १.पंढरपुरके भगवान श्री विठ्ठल-रुक्मिणी देवस्थानको कितना हेक्टरमि दानमें दी है ? २.क्या उसमेंसे जनपद यवतमाल, तहसील दारवा, (मौजे) भुलाई ग्रामकी भूमि वहांके प्रबंधकने हथियाई है ?३. उसपर क्या r कार्यवाही की गई ?  । उ इन प्रनोंका उत्तर देते समय महसूलमंत्री (राजस्वमंत्री )थोरातजीने उपरोक्त आश्वासन दिया है ।

स्त्रोत :दैनिक सनातन प्रभात

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