आतंकवाद का खात्मा करने के लिए श्रीलंका की सरहानीय पहल ! भारत में एेसा कब होगा – सम्पादक, हिन्दुजागृति
कोलंबो – ईस्टर पर हुए आत्मघाती बम हमलों से प्रभावित नेगोंबो में सांप्रदायिक तनाव सिर उठाने लगा है। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के उत्तर में स्थित उपनगरीय क्षेत्र नेगोंबो में रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों पर स्थानीय लोगों ने हिंसक हमले किए हैं। बुधवार को सैकडों शरणार्थी बसों में भर-भरकर यहां से पलायन करते देखे गए।
किराए के मकानों में रह रहे लगभग ८०० पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को उनके सिंहली, ईसाई और मुस्लिम मकान मालिकों ने फौरन घर छोडकर निकल जाने को कहा है। इन्हें डर है कि शरणार्थियों के तार आतंकवादियों से जुडे हो सकते हैं।
हिंसक भीड ने घरों से खींचकर निकाला
बुधवार को एक तरफ जहां सेंट सिबेस्टियन चर्च में हुए धमाके में मारे गए १०० से अधिक नागरिकों के परिजन उनका सामूहिक अंतिम संस्कार कर रहे थे, दूसरी आेर लोहे की छड़ों से लैस हिंसक भीड़ शहर के छोर पर बसे इन शरणार्थियों की बस्ती पर हमला कर रही थी। भीड इनके घरों मे घुस गई, दरवाजे तोड दिए ओर पुरुषों को खींचकर बाहर निकाल लिया। इनमें से कुछ शरणार्थियों ने भागकर नेगोंबो पुलिस स्टेशन में पनाह ली।
अहमदिया संप्रदाय के हैं ये शरणार्थी
पाकिस्तान के ये शरणार्थी अहमदिया संप्रदाय के हैं। स्थानीय सुन्नी बहुसंख्यकों के उत्पीड़न से परेशान होकर ये पांच साल पहले श्रीलंका आए थे। पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान के इन शरणार्थियों को यहां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की मदद से बसाया गया है। ये यहां तब तक रहेंगे जब तक ऑस्ट्रेलिया या न्यूजीलैंड में इनके पुनर्वास की व्यवस्था न हो जाए।
स्त्रोत : रिपब्लिक