कर्नाटक स्थित भाजपा प्रशासनद्वारा कुछ विलंबसे किंतु प्रशंसनीय निर्णय लिया जाना !
बेंगळुरू, : कर्नाटक राज्य स्थित मदिरालयोंको देवताओंके नाम देनेपर तथा नामफलकपर देवताओंके चित्र अंकित करनेपर निर्बंध लगानेका निर्णय राज्यके अबकारी (मादक वस्तुओंके उत्पादनपर कर लगानेवाला विभाग ) विभाग द्वारा लिया गया है । फलकपर अंकित चित्र हटानेके विषयमें कर्नाटक उच्च न्यायालयमें जनहित याचिका प्रविष्ट की गई है । इस पाशर्वभूमिपर धार्मिक भावनाओंका आदर करने हेतु देवताओंके चित्र हटानेका निर्णय अबकारी विभाग द्वारा लिया गया है । (कर्नाटक प्रशासन द्वारा लिया गयायह निर्णय देशके अन्य राज्य भी ले, यह धर्माभिमानी हिंदुओंकी मांग है !-संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
सारे मद्यालयोंके फलक एक जैसे हो,फलकपर दुकानका नाम,अनुमति पत्र क्रमांक, मालिकका नाम आदि निर्देशित हो; ऐसा आदेश दिया जाएगा । मदिराप्रेमियोंको आकर्षित करने हेतु अनेक मद्य आस्थापन युवतियोंके उन्मादक चित्रोंका उपउपयोग करते हैं । कुछ आस्थापन देवताओंकी चित्रांकित दिनदर्शिकाओंका उपयोग करते हैं । कर्नाटक अबकारी अनुमती विधी(नियम) १९६७ की धारा ११ अ के अनुसार यह अपराध है । इस कारण भविष्यमें मदिरालयोंमें भित्तीचित्र, दिनदर्शिकासहित किसी भी रुपमें मदिराके विज्ञापनोंपर निर्बंध लगानेवाला आदेश दिया गया है । इन नियमोंका उल्लंघन करनेवाले मदिरालयोंकी अनुमति निरस्त की जाएगी , ऐसा अबकारी विभागके (खातेवे) आयुक्त ने कहा ।
स्त्रोत :दैनिक सनातन प्रभात