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महाराष्ट्र : परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शौर्यजागरण शिविरों का आयोजन !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का जन्मोत्सव !

  • हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाद्वारा आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ !

  • हिन्दुओं को उनमें स्थित शौर्य की चिंगारी जागृत करने के व्याप्त उद्देश्य से शिविरों का आयोजन !

जोगेश्वरी (मुंबई) में ‘शौर्यजागर शिविर’ के माध्यम से युवकों में स्वसंरक्षण की चिंगारी जागृत की गई !

बाईं ओर से श्रीमती जान्हवी भदिर्के, श्री. हर्षद खानविलकर एवं दीपप्रज्वलन करते हुए श्री. श्रीरंग (बाबा) सावंत

मुंबई : सनातन संस्था के संस्थापक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्थान परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में जोगेश्वरी (मुंबई) में धर्मप्रेमी युवक-युवतियों के लिए ‘शौर्यजागर शिविर’ का आयोजन किया गया था। जोगेश्वरी (पू) के गणेश मैदान में १ मई को संपन्न हुए इस शिविर में क्रांतिकारकों के यशोगाथा की जानकारी देनेवाली फलक प्रदर्शनी को उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ। शिवसेना के उपशाखाप्रमुख श्री. श्रीरंग (बाबा) सावंत के हाथों दीपप्रज्वलन किया गया। तत्पश्चात शिविर प्रारंभ हुआ। तदनंतर ‘स्वसंरक्षण प्रशिक्षण- समय की आवश्यकता’, शौर्य जागर शिविर का उद्देश्य, हिन्दुओं में शौर्यजागर करने की आवश्यकता, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के धर्माधिष्ठित हिन्दु राष्ट्र स्थापना के संदर्भ में स्थित विचार इन विविध विषयों पर मार्गदर्शन किया गया।

उत्तरार्ध में हिन्दू जनजागृति समिति के स्वसंरक्षण प्रशिक्षण वर्ग के कार्यकर्ताओं ने लाठीकाठी, कराटे, दंडशृंखला आदि की सहायता से स्वसंरक्षण के प्रात्यक्षिकं प्रस्तुत किएं। इस समय ३० युवकों के साथ ३९ लोग उपस्थित थे।

उस समय संपन्न हुई गुंटचर्चा में एकमत से निश्चित किया गया कि, ‘स्वसंरक्षण प्रशिक्षण का यह विषय ‘रूचि’ के रूप में नहीं, तो ‘आवश्यकता’ के रूप में सीखना आवश्यक है !’

प्रतिसाद

गोरेगांव के धर्मप्रेमी श्री. विराज कारवारकर ने गोरेगांव में ‘शौर्यजागर शिविर’ आयोजित करने की सिद्धता दर्शाई। साथ ही हर रविवार को सांयकाल ६.०० बजे प्रशिक्षणवर्ग आरंभ करने की मांग की।

विशेष सहकार्य

१. शिविर की सिद्धता करने के लिए धर्माभिमानियों के साथ सर्वश्री श्रीरंग (बाबा) सावंत, मंगेश कानडे, मंगेश शिंदे एवं अक्षय घाडगे इन्होने प्रधानता ली !

२. शिविर के लिए ओमशंकर क्रीडा मंडल का बहुमूल्य योगदान रहा !

क्षणिकाएं

१. ‘स्वराज्य मराठा ढोल ताशा पथक’ ने शिविर से पूर्व ढोलवादन कर शौर्यजागर शिविर के लिए अनुकूल वातावरण निर्माण किया !

२. शिविर में सहभागी हर धर्माभिमानी शिविर का मार्गदर्शन अंत तक ध्यान से सुन रहा था !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


नांदेड (महाराष्ट्र) में शौर्यजागरण शिविर !

बाईं ओर से समिति के श्री. हर्षद खानविलकर एवं मार्गदर्शन करते हुए श्री. उदय बडगुजर

नांदेड : यहां के चौफाला क्षेत्र में स्थित श्री शनैश्वर देवस्थान एवं श्री महर्षि मार्कंडेय शिवमंदिर में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में हाल ही में शौर्यजागरण शिविर लिया गया। भगवान श्रीकृष्ण एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं को पुष्पहार समर्पित कर शिविर का आरंभ किया गया। इस शिविर में ३० धर्मप्रेमी सहभागी हुए। स्थानीय धर्मप्रेमियों ने इस शिविर का आयोजन किया।

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के नांदेड समन्वयक श्री. उदय बडगुजर ने कहा, ‘‘हिन्दू राष्ट्र के बिना सर्वसामान्य व्यक्ति सुखी और आनंदित नहीं रह सकती ! वर्ष २०२३ में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना तो होने ही वाली है ! अतः हम सभी इस धर्मकार्य के लिए अपना समय देंगे। हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु साधना का बल आवश्यक है। इसके लिए हम सभी हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु नियमित रूप से प्रार्थना करेंगे !’’

समिति के युवा संगठक श्री. हर्षद खानविलकर ने भी उपस्थित धर्मप्रेमियों को शौर्यजागरण का आवाहन किया। शिविर में एक स्वसंरक्षण प्रशिक्षणवर्ग भी लिया गया !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


नालासोपारा (जिला पालघर, महाराष्ट्र) में शौर्यजागरण उपक्रम !

नालासोपारा : स्वसंरक्षण अर्थात स्वयं की रक्षा है ! स्वयं के लिए अपने शरीर के साथ ही परिवार, घर, वसाहत, गांव, समाज, राष्ट्र एवं धर्म की भी आवश्यकता होती है। इन सभी की रक्षा होने से ही वास्तविक रूप से ‘स्व’ की रक्षा होती है ! युवकों ने केवल अपने शरीरसौष्ठव के व्यक्तिगत लक्ष्य को छोड कर व्यापक सामाजिक लक्ष्य रख कर अपना शारीरिक बल बढाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और देवता, देश और धर्म की रक्षा हेतु स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेना चाहिए ! हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत पुजारे ने ऐसा प्रतिपादित किया। इस उपक्रम में १८ युवकोंसहित २५ धर्माभिमानी भी उपस्थित थे !

नालासोपारा (पूर्व) के संत ज्ञानेश्वर माऊली रहिवासी संघ में हाल ही में यह शौर्यजागरण का उपक्रम लिया गया। इसमें स्वसंरक्षण प्रात्यक्षिक दर्शाए गए। इसमें स्थानीय युवक भी सहभागी हुए। इन प्रात्यक्षिकों में कराटे, दंडशृंखला एवं स्वयं के बचाव के तंत्र भी दर्शाए गए।

यहां २८ अप्रैल से एक धर्मशिक्षा वर्ग भी आरंभ हो गया है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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