पाकिस्तान में शनिवार रात दो लोगों ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा तोड दी। महाराजा रणजीत सिंह की ९ फुट ऊंची प्रतिमा का इसी साल जून में लाहौर फोर्ट में अनावरण किया गया था। पाकिस्तान की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ईशनिंदा के कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। जिन लोगों ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोडा, वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाए जाने से नाराज थे।
महाराजा रणजीत सिंह एक सिख राजा थे, जिन्होंने १९वीं सदी में उत्तर पश्चिमी भारतीय उपमहाद्वीप पर राज किया। आरोपियों का मौलाना खैरम रिजवी की तहरीक-लब्बैक पाकिस्तान से संबंध बताया जा रहा है। लाहौर फोर्ट की देखभाल का जिम्मा लाहौर अथॉरिटी के पास है और उसने इस घटना को लेकर हैरानी जताते हुए कहा कि ईद के बाद प्रतिमा की मरम्मत कराई जाएगी।
लाहौर अथॉरिटी की प्रवक्ता तानिया कुरैशी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम लाहौर फोर्ट की सुरक्षा में और इजाफा करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। प्रतिमा की मरम्मत का काम अगले सप्ताह शुरू होगा। इसके पूरे होते ही यह पब्लिक के लिए दोबारा खोल दिया जाएगा।’
महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब पर करीब ४० साल तक राज किया। यह ९ फुट की प्रतिमा कांसे की बनी हुई है। महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के पहले राजा थे। उनकी मृत्यु साल १८३९ में हुई थी। लाहौर फोर्ट में लगी प्रतिमा को बनाने में ८ महीने लगे थे। इसमें महाराजा रणजीत सिंह अपने पसंदीदा घोडे कहर बाहर पर हाथ में तलवार लिए बैठे हैं।
स्त्रोत : आज तक