हिन्दू राष्ट्र-जागृति अभियान के अंतर्गत . . .
परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में संपूर्ण देश में मंदिरों की स्वच्छता, सामूहिक नामजप, सामूहिक प्रार्थनाएं, प्रवचनों का आयोजन, मंदिरों में मन्नत मांगना आदि उपक्रम चलाए जा रहे हैं। इसीके अंतर्गत जळगांव, नंदुरबार, ब्रह्मपुर (मध्य प्रदेश) इन जिलाें में भी विविध उपक्रम चलाए गए।
१. मंदिर स्वच्छता एवं प्रार्थना !
२९ अप्रैल को चोपडा (जळगांव) के यावल नाका पर स्थित नागदेव मंदिर, २ मई को अष्टविनायक मंदिर, अलकरीवाडा महादेव मंदिर, तो ४ मई को महादेव मंदिर, साथ ही ब्रह्मपुर (मध्य प्रदेश) के नया मोहल्ला में स्थित दत्त मंदिर एवं महाजन पेठ क्षेत्र में स्थित विठ्ठल मंदिर की स्वच्छता कर हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु सामूहिक प्रार्थना की गई।
२. मन्नत
३० अप्रैल को चोपडा का आनंदी भवानी मंदिर एवं पाळधी का श्री विठ्ठल मंदिर, २ मई को गजानन महाराज मंदिर, ४ मई को शनि मंदिर एवं बडे हनुमान मंदिर, तो ५ मई को पाचोरा (जळगांव) के जामनेर मार्ग पर स्थित श्रीराम मंदिर एवं नंदुरबार के खंडेराव मंदिर में मन्नत मांगी गई।
३. प्रवचन
२९ अप्रैल को ब्रह्मपुर के लालबाग परिसर के गोकुलधाम मंदिर में श्रीमती पिंकी माहेश्वरी ने ‘साधना’ इस विषय पर प्रवचन लिया। इसी इस विषय पर ३ मई को बैंक कॉलोनी क्षेत्र के शिव मंदिर में श्रीमती विमल कदवाने ने प्रवचन लिया। ३ मई को ही नंदुरबार के एलिजाबेथ क्षेत्र में ‘साधना’ इस विषय पर श्रीमती निवेदिता जोशी ने प्रवचन लिया। डॉ. रजनी नटावदकर ने ‘उष्माघात के लक्षण एवं उपाय’ इस विषय पर प्रवचन लिया। २ मई को लोहियानगर, चोपडा में श्रीमती सुनीता व्यास ने ‘साधना’ इस विषय पर प्रवचन लिया।
४. शौर्यजागरण शिविर
पिंप्री (जळगांव) में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से युवा शौर्यजागरण शिविर का आयोजन किया गया था। चांदसणी-कमळगांव के स्वसंरक्षण प्रशिक्षणवर्ग के युवकों ने इस उपक्रम का नियोजन किया। श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के सभामंडप में प्रार्थना कर शिविर का आरंभ किया गया।
प्रारंभ में समिति के श्री. श्रेयस पिसोळकर ने परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के कार्य का परिचय करवाया। तत्पश्चात उन्होंने ‘स्वसंरक्षण प्रशिक्षण की आवश्कता एवं शौर्यजागरण’ इस विषय पर मार्गर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘‘आजकल राष्ट्र एवं धर्म पर आघात बढ रहे हैं। देश पर मंडरा रहे बाह्यसंकट एवं देशांतर्गत बढते दंगों को देखते हुए आज प्रत्येक व्यक्ति को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेना आवश्यक है। हिन्दुओं का इतिहास पराक्रम से भरा है। हिन्दू धर्मरक्षा हेतु पुरुषोंसहित महिलाओं ने भी अपने शौर्य का परिचय दिया है। आज पुनः एक बार शौर्यजागरण का समय आ गया है; इसलिए इस उपक्रम के माध्यम से हम युवकों में शौर्यजागरण का प्रयास कर रहे हैं !’’
इस अवसर पर चांदसणी-कमळगांव के श्री. कल्पेश धनगर ने स्वसंरक्षण प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किए। उस उपक्रम में गांव के २६ युवक उपस्थित थे। अंत में नियोजन की चर्चा में पिंप्री के युवकों ने प्रशिक्षणवर्ग की मांग की और नियमित रूप से व्यायाम करने का निश्चय किया !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात