जौहर पर गहलोत सरकार के फैसले के खिलाफ खडे हुए सरकार के ही एक मंत्री, प्रताप सिंह खाचरियावास !
राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में से जौहर की तस्वीर हटाने पर गहलोत सरकार के दो मंत्री ही आमने सामने हैं ! राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जौहर की तस्वीर हटाने पर अपनी ही सरकार फैसले के खिलाफ ताल ठोक दी है और अपनी ही सरकार के शिक्षा मंत्री की खिंचाई की है ! प्रताप सिंह ने कहा कि, जौहर राजस्थान के इतिहास का गौरव है, किसी मंत्री को इसको बदलने का हक नहीं है !
राजस्थान सरकार के पाठ्यक्रम में नवीं कक्षा की अंग्रेजी की पुस्तक के कवर पेज से चितौड की रानी पद्मावती की जौहर की तस्वीर हटाने पर अब खुद गहलोत सरकार के मंत्री ही अपनी सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हो गए ! गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, जौहर राजस्थान के इतिहास का गौरव है। इसे पढाया जाना चाहिए !
”जौहर सती प्रथा नहीं है ! किसी भी मंत्री या सरकार को जौहर का इतिहास बदलने का हक नहीं !” – प्रताप सिहं खाचरियावास, सैनिक कल्याण मंत्री, राजस्थान
”राजस्थान सरकार ने पाठ्यक्रम में जौहर की तस्वीर हटा कर चितौड़ किले की तस्वीर लगा दी ! राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस फैसले के पीछे सफाई दी कि, जौहर सती प्रथा है ! किसी भी महिला को आग में जलते हुए हम अपनी नई पीढी को नहीं पढा सकते हैं !
ऐसा इतिहास नहीं पढा सकते हैं जिससे बेटियों को आग में कूदने की प्रेरणा मिले !” – गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री राजस्थान
दरसअल, राजस्थान में सती प्रथा पर कानूनी प्रतिबंध है। लेकिन जौहर को एक पर्व के रूप में हर साल मनाया जाता है। चितौड़ किले में जौहर मेला आयोजित किया जाता है। पद्मिनी की पूजा की जाती है। जौहर कुंड की मिट्टी देशभर से आनेवाले श्रद्धालु लेकर जाते हैं। अलाउद्दीन खिलजी के चितौड़ किले पर आक्रमण के बाद जब राजपूतोॆ ने केसरिया बाना पहनकर यानी कफन पहलनकर जंग लड़ी, तब खिलजी से अपनी अस्मत और चितौड़ का गौरव बचाने के लिए पद्मिनी ने चितौड़ किले में १६ हजार रानियों के साथ चिता में कूद कर जौहर किया था ! चित्तौड़ में ऐसे तीन जौहर हुए। इसे बलिदान और नारी सम्मान के पर्व के रूप में मनाया जाता है !
राजस्थान सरकार इस फैसले के बाद विपक्ष के निशाने पर तो है ही अब अपनों के निशाने पर भी !
स्त्रोत : न्यूज 18