रांची : कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि, सनातन धर्म कम हुआ तो पूरा देश संकट में आ जाएगा ! सनातन धर्मावलंबी अपने धर्म का पालन करें। धर्म का सम्मान करना सीखें। साथ ही, देश में कडा जनसंख्या कानून बनाए जाने की भी बात कही। वे शुक्रवार को हरमू में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन श्रोताआें को भक्ति और भगवान प्राप्ति के मार्ग बता रहे थे। विश्व शांति सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित कथा में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि, धर्म व्यापार नहीं, श्रद्धा का विषय है। जिनके जीवन में धर्म है उनका जीवन सुंदर है। धार्मिक माता-पिता के बच्चे कर्मवीर होते हैं !
उन्होंने कहा कि, धार्मिक ग्रंथ और संतों के संगत में ही भगवान की प्राप्ति होती है ! भगवान भक्तों की भावना को देखते हैं। उनके नजर में अमीर-गरीब का कोई भेद नहीं होता है ! इस दौरान उन्होंने श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन किया। बताया कि, एक बार सुदामा अपनी गरीबी से तंग आकर श्रीकृष्ण से मिलने पहुंचे। कुछ समय बिता कर वापस लौट आए लेकिन अपने लिए श्रीकृष्ण से कुछ भी नहीं मांग सका ! लेकिन भगवान भक्त के हृदय को जानते हैं। सुदामा के बिना कुछ मांगे ही उसकी दरिद्रता को खत्म कर दिया। धन-धान्य से घर भर दिया। इसी प्रकार भगवान अपने सभी भक्तों का ख्याल रखते हैं ! बिना कुछ कहे सारे कष्ट दूर कर देते हैं ! कथा के दौरान कृष्ण सुदामा की सजीव झांकी की प्रस्तुत की गई। मौके पर मुख्य यजमान अंजू सिन्हा, अनिल सिन्हा, मनोज निराला, सीताराम प्रसाद, डॉ शशिभूषण प्रसाद सिंह, साधना किशोरी, प्रमोद सारस्वत, श्याम गोयल, मिठ्ठू बजाज, राजू, दिलराम सिंह, उमाशकर, अर्चना सिन्हा, सुखदा रानी, अनीता बजाज, मुकेश काबरा आदि उपस्थित थे।
कथा के समापन पर भजन संध्या का आयोजन आज
सात दिवसीय कथा का शनिवार को समापन होगा। इस अवसर पर कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर को सत्कार सहित विदा किया जाएगा। दोपहर तीन बजे से भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। भजन-कीर्तन के उपरांत भक्तों के बीच प्रसाद बांटे जाएंगे। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर आयोजन की व्यवस्था संभाल रहे लोगों को विशेष आशीष देंगे। इसकी जानकारी मीडिया प्रभारी प्रमोद सारस्वत ने दी।
स्त्रोत : जागरण