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जम्मू का रघुनाथ मंदिर : जानें क्या है इस मंदिर की महिमा

इस मंदिर के बाहर से पांच कलश नजर आते हैं। यहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की काफी विशाल मूर्तियां हैं। इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल के कई पात्रों की मूर्तियां भी स्थापित है !

भारत में बहुत से ऐसे धार्मिक स्थल हैं जिनकी लोगों में खास आस्था देखी जाती है ! इन मंदिरों में से एक है जम्मू का रघुनाथ मंदिर ! यह मंदिर जम्मू के मध्य में स्थित है। इस मंदिर में भक्त जन ३३ करोड देवी देवताओं का एक साथ दर्शन कर सकते हैं ! यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है। इस मंदिर के दर्शन करना मोक्ष की प्राप्ति मिलने के बराबर माना गया है ! भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक रघुनाथ मंदिर का निर्माण साल १८५७ में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिताद्वारा किया गया था। इस मंदिर के अंदर ७ धार्मिक स्थल मौजूद है। यहां कई देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ-साथ ३३ करोड देवी देवताओं के लिंगम भी बने हुए हैं। जो इस मंदिर को सबसे खास बनाते हैं। मंदिर के अंदर के कई हिस्सों में सोना लगाया गया है जो इसके तेज का स्वरूप है !

इस मंदिर के बाहर से पांच कलश नजर आते हैं। यहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की काफी विशाल मूर्तियां हैं। इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल के कई पात्रों की मूर्तियां भी स्थापित है। साथ ही इस धाम में एक ऐसी जगह भी है जहां चारों धामों के एक साथ दर्शन किये जा सकते हैं ! यहां रामेश्वरम धाम, द्वारकाधीष धाम, बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के दर्शन होते हैं। इस मंदिर के एक कक्ष में भगवान सत्यनारायण के दर्शन किये जाते हैं। चारों ओर दीवारों पर बारहमासा दर्शनीय हैं। यानी हर महीने चैत्र, वैशाख आदि के लिए उस माह के देवताओं की मूर्ति है !

इस मंदिर के निर्माण को लेकर एक दिलचस्प कथा है ! कहा जाता है कि, इस मंदिर के निर्माण की सलाह महाराज गुलाब सिंह को रामदास वैरागी से मिली थी। महाराजा गुलाब सिंह महाराजा रणवीर सिंह के पिता थे। ऐसा कहा जाता है कि, रामदास वैरागी ने महाराज गुलाब सिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी भी की थी जो सच साबित हुई थी। रामदास वैरागी भगवान राम के भक्त थे जो अयोध्या से जम्मू भगवान राम के आदर्शों का प्रचार करने के लिये आये थे। उस दौरान वह जम्मू के सुई सिम्बली में रहते थे जहां से उन्होंने भगवान राम के पहले मंदिर का निर्माण करवाया था।

स्त्रोत : जनसत्ता

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