भारत के अत्याधुनिक कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-16 को फ्रेंच गुआना के कौरो स्पेस सेंटर से सफलापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है । लगातार दो बार की असफलताओं के बाद तीसरी कोशिश में वैज्ञानिकों ने इस सैटेलाइट को लॉन्च करने में सफलता पाई है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर इस सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है ।
अपने बधाई संदेश में प्रधानमंत्री ने लिखा है, ‘कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-16 हमारे स्पेस प्रोग्राम में अहम साबित होगा. वैज्ञानिकों को सफल लॉन्चिंग की बधाई ।’ इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘जीसेट-16 को फ्रेंच गुआना से सात दिसंबर को भारतीय समयानुसार तड़के दो बजकर १० मिनट पर प्रक्षेपित किया गया ।’
गौरतलब है कि GSAT-16 का वजन ३,१८१.६ किलोग्राम है और इस पर कुल ४८ संचार ट्रांसपोंडर लगे हैं । इसरो द्वारा विकसित किसी संचार उपग्रह पर ट्रांसपोंडरों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है । इस उपग्रह को कक्षा में स्थापित किए जाने से सरकारी और निजी टेलीविजन चैनलों, रेडियो सेवाओं, इंटरनेट और टेलीफोन ऑपरेशन में सुधार होगा ।
जानकारी के मुताबिक, ट्रांसपोंडरों की क्षमता में कमी के कारण इसरो ने विदेशी उपग्रहों से ९५ ट्रांसपोंडरों को लीज पर लिया हुआ है और इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से निजी टेलिविजन प्रसारकों के लिए किया जाता है । सेटेलाइट लॉन्च के दौरान जीसैट के साथ एरियान ५ पर डायरेक्टवी-१४ भी रहा. इसका निर्माण स्पेस सिस्टम ने किया है और इसका मकसद अमेरिका में डायरेक्ट टू होम टेलीविजन प्रसारकों को इसकी सेवा उपलब्ध कराना है ।
जीसैट को प्रक्षेपण यान के निचले हिस्से में लगाया गया है और यह इसरो के लिए एरियानस्पेस द्वारा प्रक्षेपित किया जाने वाला १८वां सेटेलाइट है । यह प्रक्षेपण के ३२ मिनट बाद यान से अलग हो जाएगा और इसके साथ ही एरियान ५ का मिशन पूरा हो जाएगा. कक्षा में जीसैट की जीवन अवधि १२ साल आंकी गई है ।
स्रोत : आजतक