अध्यात्म के आधार पर ही हिन्दू राष्ट्र बनेगा और रामराज्य की स्थापना होगी ! – पू. महंत श्रीरामज्ञानीदासजी महाराज, महात्यागी सेवा संस्थान, गोंदिया
आज समाज अराजकता की दिशा में जा रहा है । इसलिए युवकों के उत्साह और वृद्धों के अनुभव की सहायता से समाज में धर्मजागृति करनी चाहिए । आज की शिक्षा से हमारी बुद्धि का विकास हुआ है; परंतु मन दुर्बल है । मन को सबल बनाने के लिए भगवद्भक्ति कर आध्यात्मिक बल बढाना आवश्यक है । अध्यात्म के आधार पर ही हिन्दू राष्ट्र बनेगा और रामराज्य की स्थापना होगी, यह विचार गोंदिया के महात्यागी सेवा संस्थान के अध्यक्ष पू. महंत श्रीरामज्ञानीदासजी महाराज ने व्यक्त किया । वे, ३० मई को अष्टम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘धर्म-परिवर्तन की समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित उद्बोधन सत्र में मार्गदर्शन कर रहे थे । इस सत्र को गुजरात के भागवत कथावाचक पू. चंद्रकांत शुक्ल महाराज, हिन्दू जागरण मंच के दक्षिण असम प्रांत विधिप्रमुख अधिवक्ता राजीब नाथ और देहली स्थित अग्निवीर संगठन के श्री. सतीश वैद ने भी संबोधित किया ।
पू. महंत श्रीरामज्ञानीदासजी महाराज ने आगे कहा, ‘‘देश की ऋषि परंपरा संकट में है । यदि हिन्दू धर्म को जीवित रखना है, तो यह परंपरा बचानी होगी । इससे, हिन्दू धर्म पुनः जीवित होगा । इसके लिए गांवों में जाकर यज्ञ और रामकथा के माध्यम से जनता का प्रबोधन और संगठन करना चाहिए । राम साक्षात धर्म हैं । उनके पदचिन्हों पर चलकर, राम का आदर्श सब में आना चाहिए ।’’
हिन्दू धर्म को आगे ले जाने की आवश्यकता है ! – पू. चंद्रकांत शुक्ल महाराज, भागवत कथावाचक
विदेश में लोग हिन्दू धर्म से प्रभावित होकर, हिन्दू धर्म अपना रहे हैं; परंतु दुःख की बात यह है कि भारत के हिन्दुआें को जगाने के लिए प्रयत्न करना पड रहा है । आज हिन्दू ही हिन्दू धर्म की अवहेलना कर रहे हैं । आदिवासी क्षेत्र में ईसाई मिशनरी बडी संख्या में धर्म-परिर्वन करवा रहे हैं । इसलिए हिन्दू जगें और सनातन धर्म को आगे बढाएं; अन्यथा आगामी काल में हिन्दुआें का जीना दूभर होगा ।
सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ही धर्मरक्षा का कार्य कर रहे हैं ! – पू. चंद्रकांत शुक्ल महाराज, भागवत कथावाचक
हिन्दुआें को जगाने का कार्य सनातन संस्था कर रही है । यह अंतिम अवसर है । अब हिन्दू नहीं जगा, तो भविष्य में उसे जगाने के लिए कोई नहीं आएगा । सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संतों तथा कार्यकर्ताआें के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ही धर्मरक्षा का कार्य कर रहे हैं । इसलिए धर्म की रक्षा होगी, यह दृढ विश्वास है ।
हिन्दुआें का धर्म-परिवर्तन रोकने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को आगे आना चाहिए ! – सतीश वैद, अग्निवीर संगठन, देहली
अनेक धर्मांध ईसाई एवं मुसलमान हिन्दू नाम धारण कर सुख-सुविधाआें का उपभोग कर रहे हैं और अनुसूचित जाति के लोगों का धर्म-परिवर्तन करवा रहे हैं । एक समय ये ही अनुसूचित जाति के लोग कट्टर हिन्दू थे । औरंगजेब ने जब इस समाज पर मुसलमान बनने के लिए अत्याचार किया, तब भी उन्होंने अपना हिन्दू धर्म नहीं छोडा; उसके बदले मुगलों का मैला स्वच्छ करना और उसे सिर पर ढोना स्वीकार किया । हिन्दुआें का धर्म-परिवर्तन रोकने और धर्मांतरितों को शुद्ध करने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को आगे आना चाहिए ।
प्रत्येक ३ महीने में एक बार हिन्दू अधिवेशन की आवश्यकता ! – सतीश वैद
हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के आयोजन का उद्देश्य ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना है । सनातन संस्था एवं संत ही हिन्दू धर्म को बचा सकते हैं । एक स्थान पर किसी व्याख्यान के लिए जाने पर मुझसे एक ने प्रश्न किया, हिन्दू धर्म पर अनेक आक्रमण हुए, तब भी हिन्दू धर्म अब तक कैसे टिका हुआ है ?’ उस युवक ने यदि अधिवेशन में आए हुए इन हिन्दू वीरों को देखा होता, तो वह समझ पाता कि ‘इन्हीं हिन्दू योद्धाआें के कारण हिन्दू धर्म जीवित है ।’ घरवापसी के लिए इस प्रकार के अधिवेशन प्रत्येक ३ महीने में एक बार होने चाहिए ।
अलग-अलग युक्तियों का प्रयोग कर लव जिहाद और धर्मांतर रोकना संभव ! – अधिवक्ता राजीब नाथ
‘सिलचर (असम) में हिन्दुआें का धर्म-परिवर्तन रोकने के लिए किए कार्य करते समय हिन्दू जागरण मंच के अधिवक्ता राजीब नाथ को जो अनुभव हुआ, उस विषय में उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर भारत में ‘लव जिहाद’ की अनेक घटनाएं हो रही हैं । इन घटनाआें की जानकारी मिलने पर हम हिन्दू लडकी से मिलकर हिन्दू धर्म और इस्लाम धर्म के विषय में सच्ची बातें बताते हैं । पश्चात उस लडकी को परामर्श देते हैं कि तुम मुसलमान न बनकर हिन्दू धर्म अपनाओ अथवा मुसलमान लडके से ही ‘स्पेशल मैरेज एक्ट’ के अंतर्गत विवाह करो । इससे वह लडका तुम्हें ‘मौखिक तलाक’ नहीं दे पाएगा । इसके पश्चात भी लव जिहाद की घटना हुई, तो हम लोग थाने में नियमानुसार परिवाद लिखाने का प्रयत्न करते हैं । प्रबोधन (समझाने) से हिन्दू लडकियों का मनःपरिवर्तन हो रहा है और लव जिहाद की घटनाएं रोकने में सफलता मिल रही है । पूर्वोत्तर भारत में ईसाईकरण की भी समस्या गंभीर है । वहां प्रलोभन देकर, हिन्दुआें को ईसाई बनाया जाता है । उन्हें रविवार को चर्च में प्रार्थना के लिए ले जाया जाता है । ऐसी घटनाएं रोकने के लिए हमने कुछ स्थानों पर रविवार की साप्ताहिक छुट्टी दूसरे दिन करवा दी । ऐसा करने से, रविवार को चर्च जानेवाले हिन्दुआें की संख्या घट गई ।