साधना द्वारा आत्मबल बढाकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु सिद्ध हों ! – श्री. आनंद जाखोटिया, हिन्दू जनजागृति समिति
सागर : धर्मरक्षा हेतु अनेक महापुरुषों ने कार्य किया; किंतु जिन्होंने इस कार्य को साधना और गुरु के मार्गदर्शन के साथ जोड दिया, उनकेद्वारा असाधारण कार्य हुआ। हमारे इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज, स्वामी विवेकानंदजी जैसे अनेक उदाहरण हैं ! आज धर्म को ग्लानि आने की इस स्थिति में हमें धर्माचरण, उपासना और संतों का मार्गदर्शन लेकर कार्य करना होगा ! साधना के द्वारा आत्मबल बढाकर हमें हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु सिद्ध होना होगा ! हिन्दू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने ऐसा प्रतिपादित किया। इस समय सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने भी उपस्थित धर्मप्रेमियों का ‘साधना एवं धर्माचरण’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया। हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष श्री. अभिमन्यूसिंह बुंदेलाद्वारा आयोजित बैठक में वे बोल रहे थे।
यहां के पहलवान बब्बा हनुमान मंदिर में आयोजित इस बैठक में धर्मजागरण समन्वय विभाग के जिला विधि प्रमुख अधिवक्ता श्री. विकास सेन, श्री. अमित उपाध्याय, हिन्दू युवा वाहिनी के पंडित प्रशांत उपाध्याय, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के श्री. सुशांक भोजक, श्री. बघेले आदि धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
क्षणिका : इस समय सभी ने सनातनद्वारा प्रकाशित राष्ट्र एवं धर्म से संबंधित ग्रंथों का विक्रय किया।
हिन्दुत्व के क्षेत्र में सनातन संस्था का साहित्य निर्माण का कार्य अनमोल !
इस अवसर पर अभाविप के श्री. सुशांत भोजक एवं श्री. बघेले ने कहा, ‘‘वामपंथियों ने अपने विचार फैलाने के लिए साहित्य का बहुत उपयोग किया। दुर्भाग्यवश हिन्दुत्व के क्षेत्र में काल के अनुरूप, धर्मविरोधियों के कुतर्कां का उत्तर देनेवाला साहित्य दुर्लभ है; किंतु ऐसे में सनातन संस्था ने इन ग्रंथों का निर्माण कर बहुमूल्य कार्य किया है !’’
हिन्दू जनजागृति समिति धर्मशिक्षा, धर्माचरण एवं साधना, इस त्रिसूत्री के माध्यम से हिन्दू संगठनों को धर्मबल प्रदान करने हेतु प्रयासरत ! – श्री. आनंद जाखोटिया
सागर : हिन्दुत्व के लिए कार्य करते समय कार्यकर्ताओं को यदि धर्मशिक्षा, धर्माचरण और साधना इस त्रिसूत्री से जोडा गया, तो कोई बी संगठन अधिक शक्तिशाली बनता है और उसे धर्म उत्थान हेतु अधिक प्रभावशाली पद्धति से कार्य करना संभव होता है ! हिन्दू जनजागृति समिति इस त्रिसूत्री के द्वारा हिन्दू संगठनों को धर्मबल प्रदान करने हेतु प्रयास कर रही है। हिन्दू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने ऐसा प्रतिपादित किया।
इस समय सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को साधना के संदर्भ में जानकारी दी। इस अवसर पर जय महाकाल हिन्दू संगठन के अध्यक्ष श्री. शिवम् चौरसिया, श्री. शुभम् शुक्ला आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
यहां के श्री चंपाबाग मंदिर में जय महाकाल हिन्दू संगठन की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में आनेवाले समय में कार्यकर्ताओं को धर्मशिक्षा के साथ धर्मजागृति के कार्य का प्रशिक्षण मिले; इस उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन करना सुनिश्चित किया गया। इस अवसर पर संगठन के कार्यकर्ताओं ने हिन्दुओंद्वारा ही हिन्दुत्व का कार्य करने में किस प्रकार से बाधाएं उत्पन्न की जाती हैं, इस संदर्भ में अपने अनुभवों का कथन किया। (पहले इतनी कभी नहीं थी, इतनी संगठित होने की स्थिति होते हुए भी स्वयं की महत्त्वाकांक्षा के कारण हिन्दूसंगठन कार्य में बाधाएं उत्पन्न करनेवाले हिन्दू ही हिन्दू धर्म के वास्तविक शत्रु हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं के साथ भेदभाव ! – श्री. अभय वर्तक, सनातन संस्था
बरायठा (सागर, मध्य प्रदेश) : आज संपूर्ण विश्व में हिन्दुओं का एक भी देश नहीं है ! धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं से भेदभाव किया जा रहा है ! अतः हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु प्रयास करना समय की मांग है ! आज हिन्दुओं के सामने लव जिहाद, मंदिर सरकारीकरण, धर्मांतरण आदि विविध समस्याएं खडी हैं ! प्रत्येक समस्या का उसकी जड से निराकरण करना हो, तो हिन्दू राष्ट्र स्थापना के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है ! सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां युवकों को बैठक को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत सागर जिले के बरायठा में कथावाचक श्री. मधुसूदन मिश्रा एवं हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल के पाठक श्री. राजकुमार कौशिक के तत्त्वावधान में यह बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में २० से भी अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
धर्म के आचरण से ही जन्महिन्दू कर्महिन्दू बनेंगे ! – श्री. आनंद जाखोटिया
आज भारत में भले ही हिन्दू बहुसंख्यक हैं; परंतु धर्म का आचरण करनेवाले हिन्दुओं की संख्या अत्यल्प है ! अधिकांश हिन्दू केवल शरीर से हिन्दू हैं और वे मन से ईसाई बन चुके हैं ! इन हिन्दुओं को यदि आचरण से हिन्दू बनाना हो, तो उसके लिए धर्माचरण के बिना अन्य कोई विकल्प नहीं है !
आज पाश्चात्त्य देश हिन्दू धर्म का अध्ययन कर उसका आचरण कर रहे हैं और हम पाश्चात्त्यों का अनुकरण कर रहे हैं, यह अयोग्य है ! अतः हम सभी धर्माचरण कर कर्महिन्दू बनेंगे ! हिन्दू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने ऐसा प्रतिपादित किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात