इस्लामिक बैंकर मंसूर खान लोगों को १५०० करोड रुपये की चपत लगा देश छोडकर फरार हो गया। आई मॉनिटरी एडवाइजरी (IMA) ज्वेल्स का फाउंडर मंसूर ने लोगों को १४ से १८ परसेंट तक बडे रिटर्न का झांसा देकर निवेश करने के लिए कहा। इसके बाद उसने मुस्लिम लोगों से १५०० करोड रुपये की रकम हडप ली।
इससे पहले ९ जून को मंसूर का एक ऑडियो सामने आया था जिसमें उसने खुदकुशी करने की धमकी दी थी। वीडियो सामने के आने के बाद सैकडों निवेशक कंपनी के स्टोर पहुंच गए थे। पुलिस का कहना है कि मंसूर खान के खिलाफ २३००० शिकायतें मिली है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार पुलिस ने कहा कि वह ८ जून को देश छोडकर फरार हो गया। मंसूर के फरार होने के बाद एक दिन पहले ही उसके खिलाफ पहली शिकायत आई थी।
बंगलूरू पुलिस ने खान के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इस मामले में सबसे पहली शिकायत खालिद अहमद नाम के व्यक्ति ने की। खालिद मंसूर का करीबी मित्र और बिजनेस पार्टनर भी है। खालिद ने मंसूर पर ४.८ करोड रुपये धोखाधडी का आरोप लगाया। खालिद की शिकायत मिलने के बाद ही मंसूर की आत्महत्या की धमकी वाला ऑडियो सामने आया था। इसके बाद सैकडों की संख्या में निवेशक शिकायत दर्ज कराने कॉमर्शियल स्ट्रीट थाने पहुंचे।
इससे पहले ही खान फरार हो चुका था। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मंसूर खान का इमिग्रेशन ८ जून को शाम को क्लियर हो गया था। वह ८.४५ बजे दुबई के लिए उडान भर चुका था। पुलिस ने इस मामले में आईएमए के ७ निदेशकों को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले निवेश कंपनी की तरफ से हजारों लोगों के साथ इस कथित धोखाधडी सामने आने पर राज्य सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले ट्वीट भी किया था। इसमें कहा गया था कि आईएमए ज्वेल्स की धोखाधडी की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच की जिम्मेदारी विशेष जांच दल को सौंपी जाती है।
इससे पहले कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर एसआईटी जांच की मांग की थी। प्रदेश भाजपा प्रमुख येदियुरप्पा ने भी कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी।
स्त्रोत : जनसत्ता