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धार्मिक आजादी पर अमेरिकी रिपोर्ट को केंद्र ने किया खारिज

हिन्दूद्वेष और भारतद्वेष के कारण अमेरिका द्वारा की गई झूठी शिकायत जानिए !

  • गत कुछ शतकों से स्वयं के देश में चल रहा वर्णद्वेषी हिंसाचार रोकने में असफल सिद्ध हुई अमेरिका भारत की अंतर्गत बातों में दखल न दे । अमेरिका ने रेड इंडियन लोगों का (अमेरिका के मूल निवासी) वंशसंहार कर वहां बस्ती बनाई, यह इतिहास कोई भूला नहीं है, यह वह सदैव ध्यान रखे !
  • संसारभर में अमेरिका ने स्वयं का वर्चस्व बनाने के लिए कितने देशों पर आक्रमण किए, यह भी कोई भूला नहीं है । छोटे से विएतनाम के विरोध में ९ वर्ष किया हुआ युद्ध अमेरिका का कौन सा हिंसाचार था, क्या वह यह बताएगी ?
  • भारत के कश्मीर में ३ दशकों पूर्व धर्मांधों ने धर्म के आधार पर हिन्दुआें पर आक्रमण किया तथा उन्हें कश्मीर से बाहर खदेड दिया एवं भारत में अनेक वर्षों से धर्मांधों द्वारा हिन्दुआें पर अत्याचार हो रहे हैं, क्या उस विषय में अमेरिका ने कभी अपना मुंह खोला है ?

विदेश मंत्रालय ने उस अमेरिकी रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि, भारत में धर्म के नाम पर हिंसा बढ़ रही है ! विदेश मंत्रालय ने रविवार को जारी किए गए बयान में कहा कि, ‘भारत को अपनी धर्मनिरपेक्ष साख पर गर्व है, यह सहिष्णुता और समावेशन की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ सबसे बड़े लोकतंत्र और बहुलतावादी समाज के रूप में स्थित है !’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार

मंत्रालय ने कहा कि, ‘भारतीय संविधान अपने अल्पसंख्यक समुदायों सहित अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। हम अपने नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप नहीं बर्दाश्त करेंगे !’

बता दे कि, अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी वार्षिक २०१८ अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में आरोप लगाया कि, सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए। रिपोर्ट में कहा गया कि, ‘हिंसक चरमपंथी हिंदू समूहोंद्वारा अल्पसंख्यकों समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ भीड़ का हमला पूरे साल जारी रहा !’

स्त्रोत : न्यूज 18

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