रविवार को जिला अस्पताल ऊधमपुर में रखे शव का अंतिम संस्कार करने के हक को लेकर उठे विवाद को सोमवार को न्यायालय के समझौते व पुलिस प्रशासन की देखरेख में सुलझा लिया गया। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार देविका घाट पर हिन्दू रीति रिवाज से कर दिया गया।
ऊधमपुर में सुभाष चंद्र की मौत के बाद उसके धर्म को लेकर विवाद खडा हो गया था। विवाद बढता देख पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। मृतक के परिजन अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से करने के लिए शव उनको सौंपने की मांग करते रहे ! इसके विपरीत मृतक की पत्नी व उसके परिजन मृतक के धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन जाने का दावा करते हुए मुस्लिम धर्म के अनुसार उसे सुपुर्दे खाक करने के लिए शव सौंपने की मांग करते रहे !
मृतक की पत्नी ने पतिद्वारा की गई वसीयत भी पुलिस और प्रशासन को सौंपी, जिसे मृतक के परिजनों ने फर्जी करार देते हुए धोखे से या दबाव में बनवाई जाने की बात कही। फिलहाल शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल के शवगृह में रखा है। मृतक के परिजन इस मामले में न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में हैं। न्यायालय से फैसला आने पर आगे कोई कार्रवाई होगी !
जिस व्यक्ति की मौत के बाद उसके धर्म को लेकर विवाद शुरू हुआ, उसकी पहचान सुभाष चंद्र (५२) पुत्र लब्बू राम निवासी तनाल जगानू के रूप में हुई है। यह विवाद मौत के बाद उस समय शुरू हुआ जब मृतक के परिजनों ने हिन्दू धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार और अंतिम रस्में शुरू की। इस पर पत्नी ने आपत्ति जताते हुए उसके धर्मातरण की बात कहते हुए उसकी अंतिम रस्में मुस्लिम समुदाय के अनुसार करने की बात कही ! मृतक के धर्म को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहसबाजी हुई। विवाद की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर जिला अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया।
मृतक की पत्नी रुखसार व रिश्तेदारों ने बताया कि, मृतक ने १९९५ में अपना धर्म परिवर्तन किया था। इसके बाद उसने अपना नाम शकील अहमद रखा था। २००२ में उसकी शादी रुखसार से हुई। पांच माह बाद उनके घर बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम गुड़िया है। उन्होंने कहा कि, पति करीब ढाई-तीन साल से बीमार चल रहा था। तीन माह पहले जब उसकी हालत में कुछ सुधार हुआ तो उसने यह वसीयत बनाई। मृतक की पत्नी ने अपने पतिद्वारा की गई वसीयत पुलिस और प्रशासन को सौंपी है। इसमें शव उसे सौंपे जाने और अंतिम रस्में उसकेद्वारा किए जाने की बात लिखी है। इसमें क्रिमेशन शब्द का प्रयोग किया है। क्रिमेशन का अर्थ दाह संस्कार होता है, जबकि उसकी पत्नी उसे मुस्लिम धर्म के अनुसार दफनाना चाहती है। इसके साथ मृतक के पिता और अन्य परिजनों ने भी शव का हिन्दू रीति रिवाजों से संस्कार करने के लिए शव उनको सौंपने की मांग की है ! जिसके चलते इस मामले को कोर्ट में फैसले के लिए भेजा जाएगा। न्यायालय इस मामले में जो भी फैसला देगी, उसीके अनुसार शव न्यायालयद्वारा निर्धारित किए जानेवाले वारिस के सुपुर्द किया जाएगा !
स्त्रोत : जागरण