हिन्दुआें को जाति में विभाजित कर उनकी एकात्मता को समाप्त करनेवाले एेसे फिल्म समाज के हर कोने से विरोध होना आवश्यक है !
बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की विवादित फिल्म आर्टिकल 15 (Article 15) शुक्रवार को पूरे देश में रिलीज हुई। लेकिन इस दौरान कानपुर में हिन्दुआें ने इस फिल्म का जबरदस्त विरोध किया। इस दौरान लोगों ने फिल्म और आयुष्मान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सिनेमाघरों में लगे पोस्टरों को फाड दिया ! इस बीच कानपुर शहर स्थित जेड स्क्वायर मॉल में पुलिस और लोगों के बीच जमकर झडप भी हुई। बवाल बढता देख कई थानों की फोर्स को बुलाकर हालात काबू में किया गया। फिलहाल हंगामे को देखते हुए जिला प्रशासन ने आर्टिकल 15 फिल्म के सभी शो अस्थाई तौर पर बंद करा दिए हैं !
क्या है मामला . . . ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आर्टिकल 15 फिल्म में एक सीन को लेकर हिन्दूआें ने आपत्ति जताई है ! जिसमें दिखाया गया उत्तर प्रदेश के बदांयू जिले में दो चचेरी बहनों के साथ गैंग रेप के बाद उनके शव पेड से लटके हुए हैं ! आरोप है कि, फिल्म में लडकियों और उनके परिवार पर जुल्म करनेवालों को महंत के बेटों के रूप में दिखाया गया है, जबकि वहीं पीडितों को दलित दिखाया है ! प्रदर्शनकारी समाज का कहना है कि, इस फिल्म के माध्यम से उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है और समाज को बांटने का भी काम हो रहा है ! इस दौरान राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के कार्यकर्ताओं ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम डीएम को एक ज्ञापन दिया।
इस मामले में फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फिल्म का विरोध करनेवालों को जवाब दिया है। उन्होंने ब्राह्मण संगठनों और करणी सेना को नमस्कार करते हुए लिखा कि, मैं इस पत्र के माध्यम से आप के उन सभी सदस्यों को क्षमा भी करता हूं जिन्होंने असहमति और विरोध की मर्यादाओं का उल्लंघन किया ! उन्होंने आगे लिखा कि, फिल्म के विरोध के दौरान मेरी हत्या या मेरी बहनों और मेरी दिवंगत मां के बलात्कार की धमकियों से कोई भी संवाद नहीं हो सकता ! अपनी सफाई में उन्होंने लिखा कि, किसी फिल्म का ट्रेलर उसकी पूरी कहानी नहीं कह सकता ! साथ ही फिल्म किसी भी समाज का निरादर करने का प्रयास करेगी ऐसा नहीं है !
स्त्रोत : जनसत्ता