शाहू जयंती के उपलक्ष्य में विद्यालय में हिन्दू देवता एवं ब्राह्मण समुदाय की आलोचना किए जाने का प्रकरण
मलकापुर (जिला कोल्हापुर) : शाहूवाडी तहसिल के एक माध्यमिक विद्यालय में २६ जून को शाहू जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान का आयोजन किया था। इस व्याख्यान में हिन्दू देवताएं एवं ब्राह्मणों की आलोचना की गई थी ! हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं को यह ज्ञात होने पर डॉ. संजय गांधी, श्री. विक्रांत मोरबाळे, श्री. प्रसाद कुलकर्णी एवं श्री. सुधाकर मिरजकर इन कार्यकर्ताओं ने विद्यालय जाकर प्रधानाध्यापक एवं पर्यवेक्षक का उद्बोधन किया। इस उद्बोधन के पश्चात प्रधानाध्यापक एवं पर्यवेक्षक ने समिति के कार्यकर्ताओं से क्षमा मांग कर इसके आगे इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन न करने का आश्वासन दिया !
१. कार्यक्रम में हिन्दू देवताएं एवं ब्राह्मण समुदाय की आलोचना की जाने से अन्य छात्रों ने ब्राह्मण समुदाय के छात्रों पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं ! इससे कुछ छात्र आहत हुए !
२. हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रसाद कुलकर्णी को यह ज्ञात होने पर उन्होंने विद्यालय के पर्यवेक्षक को दूरभाष कर इस घटना का भान दिला कर निषेध व्यक्त किया। तब पर्यवेक्षक ने ‘‘संविधान ने सभी को अभिव्यक्ति स्वतंत्रता प्रदान की है; इसलिए ऐसा हुआ होगा’’, ऐसा उठपटांग उत्तर दिया ! उस पर श्री. प्रसाद कुलकर्णी ने ‘‘हमने भी इसी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की है। अभिव्यक्ति स्वतंत्रता है, इसका अर्थ किसी समुदाय की जानबूझकर आलोचना करने की अनुमति दी गई है, ऐसा नहीं है, साथ ही देवताओं की आलोचना करना अनुचित है’’, ऐसा दृढतापूर्ण पद्धति से बताया !
३. २७ जून को समिति के शिष्टमंडल ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक से भेंट कर घटित घटना एवं उसके दुष्परिणामों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया ! श्री. प्रसाद कुलकर्णी ने प्रधानाध्यपक से कहा, ‘‘शिक्षासंस्थान विद्या का मंदिर होता है ! ऐसे स्थान पर इस प्रकार से द्वेषभावना उत्पन्न करनेवाले वक्तव्य दिए जाना आदर्श एवं नीतिमान छात्र बनने में बाधा बन सकता है !’’ तब प्रधानाध्यापक ने अपनी हुई चूक का स्वीकार करते हुए क्षमा मांगी एवं इसके आगे ऐसी घटना नहीं होगी, ऐसा आश्वासन दिया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात