अमेरिका ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दशा पर एक रिपोर्ट जारी की है। ऊसमें गैर मुस्लिमों के जबरन धर्मांतरण और उन पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख किया गया है !
इस्लामाबाद : अमेरिका ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दशा पर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में गैर मुस्लिमों के जबरन धर्मांतरण और उन पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख किया गया है। यह रिपोर्ट सामने आने पर पाकिस्तान की बौखलाहट दिख पडी है ! उसने इस रिपोर्ट को बेबुनियाद और पक्षपातपूर्ण करार दिया है !
अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, २०१८ में पाकिस्तान में धार्मिक आजादी की स्थिति को लेकर आमतौर पर नकारात्मक रुझान देखने को मिला ! पूरे साल के दौरान कट्टरपंथी समूह और खुद को सामाजिक ठेकेदार समझनेवाले लोग अल्पसंख्यक समुदाय हिन्दू, ईसाइ, सिख, अहमदी और शिया मुस्लिमों पर धर्म परिवर्तन के लिए जुल्म करते रहे !
रिपोर्ट के निष्कर्षो से यह जाहिर होता है कि, पाकिस्तान की सरकार इन समुदायों का पर्याप्त रूप से रक्षा करने में विफल रही ! सरकार ने सुनियोजित तौर पर चल रहे धार्मिक आजादी के उल्लंघन को बढ़ावा दिया है ! रिपोर्ट में बताया गया है कि, इस मुल्क में सख्त ईशनिंदा कानून को थोपे जाने के परिणामस्वरूप गैर मुस्लिमों खासकर हिंदुओं, शिया मुस्लिमों और अहमदियों के अधिकारों का दमन जारी है ! ¨हिन्दू विवाह अधिनियम के पारित होने के बावजूद गैर मुस्लिमों का जबरन धर्मांतरण भी लगातार हो रहा है !
पाक को सीपीसी में डालने की सिफारिश
USCIRF ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत पाकिस्तान को ‘कंट्री ऑफ पार्टिकुलर कंसर्न’ या सीपीसी सूची में डालने की सिफारिश की है ! इस सूची में अमेरिका उन देशों को रखता है, जिनके यहां धार्मिक आजादी की दशा गंभीर होती है !
खारिज की अमेरिकी रिपोर्ट
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, ‘यह निराधार और पक्षपात पूर्ण बयानों का संग्रह है ! पाकिस्तान इस तरह की रिपोर्ट का समर्थन नहीं करता। पाकिस्तान का मानना है कि, सभी देश धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ ही राष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के तहत अपने नागरिकों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं !’
स्त्रोत : जागरण