कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाने हेतु पुणे में ‘फर्स्ट थिंक टैंक कॉन्क्लेव’ !
पुणे : कश्मीर भारत का मुकुट है ! वर्ष १९९० में वहां के हिन्दुओं के साथ किए गए अत्याचार एवं उनकी समस्याएं केवल कश्मीरी हिन्दुओं की नहीं हैं, अपितु समस्त विश्व के हिन्दुओं की समस्याएं हैं ! हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने २९ जून को यहां आयोजित फर्स्ट थिंक टैंक कॉन्क्लेव में ऐसा मतप्रदर्शन किया। कश्मीरी हिन्दुओं के साथ किए गए अत्याचारों के विरोध में संपूर्ण भारत के हिन्दू संगठित रूप से कार्य करें, इस उद्देश्य से ‘इंडिया फॉर कश्मीर’ अभियान के अंतर्गत इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था।
इस अवसर पर कश्मीर स्टडी सेंटर के पद्मश्री प्रा. काशिनाथ पंडिता, चलचित्र निर्माता श्री. अशोक पंडित, चलचित्र निर्देशक एवं निर्माता श्री. विवेक अग्निहोत्री, शारदा रेडियो के श्री. रमेश हांगलु, भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रदेश उपाध्यक्ष श्री. मोती कौल, इंडस स्क्रोल डॉट कॉम जालस्थल की सहसंपादक श्रीमती रति हेगडे, सामाजिक प्रसारमाध्यमों में सक्रिय कार्य करनेवाली श्रीमती शेफाली वैद्य, देहली के हिन्दू चार्टर की श्रीमती रितू राठोड, मुंबई की श्रीमती मीनाक्षी शरण आदि मान्यवर उपस्थित थे।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कश्मीरी हिन्दुओं के संदर्भ में चलाए गए उपक्रमों के संदर्भ में सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा, ‘‘हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अभीतक आयोजित ८ अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों में कश्मीरी हिन्दुओं के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए गए हैं एवं उन्हें तत्कालीन प्रशासन एवं सरकार को भेजे गए हैं ! हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित कर देश के अन्य स्थानों पर भी ज्ञापन प्रस्तुत किये गए। ‘एक भारत अभियान – कश्मीर की ओर’ इस अभियान के अंतर्गत देश के २२ स्थानों पर बडी सभाएं की गईं। ‘सनातन पंचांग में’ ‘कश्मीरी हिन्दू विस्थापन दिवस’, साथ ही ‘होमलैंड डे’ को प्रसिद्धि देकर इस संदर्भ को अधिकाधिक हिन्दुओं तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। सनातन प्रभात ने भी समय-समय पर इसका संज्ञान लिया है। जबतक कश्मीरी हिन्दुओं के साथ न्याय नहीं किया जाता, तबतक हिन्दू जनजागृति समिति अखंडित रूप से कार्यरत रहेगी !’’
पद्मश्री प्रा. काशीनाथ पंडिता ने कश्मीरी हिन्दुओं के साथ किए गए अत्याचार, साथ ही उन्हें कश्मीर से विस्थापित होने तक के घटनाक्रम की जानकारी दी। अन्य मान्यवरों ने भारत के सभी हिन्दुओं को क्यों एवं कैसे संगठित होना चाहिए, इस संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किए। ग्लोबल कश्मीरी पंडित डाईसपोरा के श्री. रोहित काचरू ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात