चैत्र कृष्ण ३ , कलियुग वर्ष ५११४
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इस्लामाबाद – पाकिस्तान में हिंदुओं के उत्पीड़न का सिलसिला कायम है। दक्षिणी सिंध प्रांत में एक हिंदू युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसका निकाह एक मुसलमान से कराए जाने पर गुस्साए हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। हिंदुओं के आक्रोश को देखते हुए जैकोबाबाद में हिंदू पंचायत के चुनाव को स्थगित करना पड़ा। सिंध इलाके में हिंदू युवतियों का अपहरण और फिर उनका धर्मातरण करके मुस्लिम युवकों से निकाह कराने की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इनमें रिंकल कुमारी का मामला खासा चर्चा में रहा था। रिंकल के परिजन न्याय पाने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन जबरिया निकाह का शिकार रिंकल ने भयवश यह मान लिया था कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।
‘द डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक जैकोबाबाद के झांझरी क्षेत्र के सोने के व्यापारी अशोक कुमार की बेटी गंगा को बलात मुस्लिम बनाकर उसका निकाह अमरोत शरीफ दरगाह में आसिफ अली के साथ कर दिया गया। आसिफ भी सोने के व्यापारी बहादुर अली का बेटा है। गंगा का नाम बदलकर आसिया कर दिया गया है। उसके जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह की खबर मिलने पर उसके माता-पिता और कुछ रिश्तेदार दरगाह पहुंचे, लेकिन तब तक निकाह पंजीकृत हो चुका था।
गुस्साए परिजनों ने जैकोबाबाद लौटकर एफआइआर दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया गया कि गंगा को आसिफ अली, उसके पिता, भाई आबिद अली और एक अन्य शख्स मीरन बख्श ने अगवा किया। पुलिस ने आसिफ के पिता, भाई और मीरन बख्श को गिरफ्तार कर लिया है। आसिफ के घर पर मौजूद न होने के कारण पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। लड़की को अगवा करने के विरोध में जैकोबाबाद में कई हिंदू संगठनों केसदस्य सड़कों पर उतर आए।
इसके साथ ही हिंदू पंचायत चुनाव को स्थगित कर दिया गया। चुनाव स्थगित करने पर वहां हालात बेकाबू हो उठे। नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। पंचायत प्रमुख हरपाल दास छाबरिया ने कहा कि हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्म परिवर्तन कराने की घटनाएं पिछले कुछ समय में बढ़ी हैं। उन्होंने अधिकारियों से सिंध में हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने की अपील की।
गंगा के अपहरण और जबरिया निकाह के खिलाफ जैकोबाबाद में जनता हाल से प्रेस क्लब तक रैली का आयोजन किया गया। लोगों ने गंगा को उसके परिवार से मिलाने के नारों के साथ मार्च किया। हिंदू नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो समुदाय के लोग शहर भर में हड़ताल और विरोध प्रदर्शन करेंगे।
हिंदुओं का जीना दूभर
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के अनुसार देश में हिंदुओं की आबादी ७० लाख है, लेकिन १९९८ में हुई जनगणना में हिंदुओं की संख्या २५ लाख ही बताई गई थी। ज्यादातर हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं, लेकिन वे हर तरह से उपेक्षित और प्रताड़ित हैं। उनकी न तो संपत्ति सुरक्षित है, न धर्मस्थल और न ही मान-सम्मान। वे अपनी बेटियों के अपहरण के सिलसिले से सबसे ज्यादा आतंकित हैं। यही कारण है कि वहां के हिंदुओं को जब भी मौका मिलता है वे तीर्थयात्रा के बहाने भारत आते हैं और फिर यहीं बस जाते हैं।
स्त्रोत : जागरण