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पाकिस्तान में सडकों पर उतरे हिन्दू, सिख और ईसाई, ३ माह में ३१ लडकियां अगवा

बाडमेर : पाकिस्तान में बहुसंख्यकों की ज्यादती अब असहनीय होने लगी है और लोग सडकों पर उतर आए है। हफ्तेभर में तीन प्रदर्शन हो चुके है जिसमें हिन्दू, सिख और इसाई एक साथ पाकिस्तान प्रेस क्लब के कार्यालय तक गए है और खुलकर आरोप लगाया कि हिन्दुओं का अब यहां रहना मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद घटनाएं थम नहीं रही है। धर्म परिवर्तन का दबाव बढाने के लिए यह बदसलूकियां होने लगी है। तीन महीने में सिंध इलाके में ३१ लडकियों का अपहरण हुआ है। पुलिस तो मामला दर्ज नहीं करती और यह कहकर निरस्त कर देती है कि लडकी ने अपनी मर्जी से मजहब कबूल कर निकाह कर लिया। परेशान हिन्दू परिवार भारत आने लगे है, जैसे ही यह भनक लगती है उनकी संपत्ति को औने-पौने दामों में खरीदने का दबाव बनने लगा है। खबर यह भी है कि संपन्न हिन्दू परिवार भारत और सऊदी अरब में पलायन करने लगे है।

पाकिस्तान में होने वाली ज्यादती के पहले जहां समाचार ही आते थे अब सोशल मीडिया के जमाने में यहां बसे अपने रिश्तेदारों को विडियो और हर बाद तो शेयर कर रहे है। यहां बसे परिवार उनको भारत आने के लिए कहने लगे है। जिसके लिए कई परिवार तैयार भी है।

भारत सरकार मदद करे

पुलवामा व एयर स्ट्राइक के बाद ज्यादती बढी है। इन लोगों के लिए अब भारत सुरक्षित जगह है। भारत सरकार अतर्राष्ट्रीय दबाव बनाते हुए इनकी सुरक्षा के इंतजाम करें। – डाॅ. बाबूदान, अध्यक्ष धाटपारकर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन

हैदराबाद में तीन दिन पहले एक डिप्टी (पुलिस ) की पत्नी गुरुद्वारे में घुसी। यहां सिक्खों को पूजा करने से रोका और उनको यह कहा कि उसकी नींद में खलल पड रहा है। इस दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए महिला पुरुषों को यहां से बाहर निकलने को कहा। पुजारी को प्रताडि़त करने का यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

सात दिन पहले सिंध में हिन्दू, सिक्ख और इसाई संप्रदाय के सैकडों लोग एकत्रित हुए। उन्होंने रैली निकाली और सडकों पर प्रदशर्न किया कि बहुसंख्यक उनके साथ में ज्यादती कर रहे है। अपहरण और बलात्कार की घटनाएं बढऩे का आरोप लगाते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खडे किए है।

थारपाकर इलाके में ३७ भील परिवारों का एक साथ धर्म परिवर्तन करवाया गया। यहां एक मौलवी ने इन गरीब परिवारों के लिए शर्त रख दी कि उनको यहां रहना है तो धर्म बदलना होगा। इसको बाद में सावर्जनिक प्रदर्शन भी किया गया।

स्त्राेत : पत्रिका

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