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प्रमोद मुतालिक के विरुद्ध लगाए गए आरोप कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त !

‘प्रत्येक हिन्दू को अपने घर में तलवार रखनी चाहिए’, एेसा वक्तव्य करने का प्रकरण : श्री. मुतालिक के विरुद्ध का प्रकरण भी रद्द

इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के राज्य में हिन्दुत्वनिष्ठों के विरुद्ध इस प्रकार के झूठे आरोप लगाकर उन्हें अपराधी प्रमाणित किया जाता था ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात

बेंगलुरू (कर्नाटक) : तडगणी (जनपद शिवमोग्गा, कर्नाटक) गांव में २५ मई २०१७ को संपन्न एक धार्मिक कार्यक्रम में श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक द्वारा भावनाएं भडकानेवाला कथित भाषण देने का पुलिस प्रशासन द्वारा लगाए गए आरोप को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निरस्त किया । न्यायाधीश पी.एन. दिनेश की एकसदस्यीय पीठ ने श्री. मुतालिक के विरुद्ध का यह प्रकरण तथा इस प्रकरण की जांच भी रद्द की है ।

१. श्री. मुतालिक के अधिवक्ता श्री. अरुण श्याम ने अपने विवाद में कहा, ‘‘श्री. मुतालिक जिस कार्यक्रम में सहभागी थे, उस कार्यक्रम के किसी भी प्रकार की अहितकारी आैर अप्रिय घटना नहीं हुई । इसके विरुद्ध किसी ने भी परिवाद प्रविष्ट नहीं किया । कार्यक्रम की सुरक्षा हेतु नियुक्त पुलिसकर्मी द्वारा प्रविष्ट परिवाद के आधारपर पुलिस प्रशासन ने स्वयं ही परिवाद पंजीकृत करवाया । (पुलिस प्रशासन ने क्या कभी इस प्रकार से हिन्दुआें को मिटाने की भाषा बोलनेवाले आेवैसी के विरुद्ध परिवाद पंजीकृत किया है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) इस परिवाद को पंजीकृत करने की अनुमति प्रदान करते हुए सरकार ने विवेक के आधारपर विचार नहीं किया । इस परिवाद का अन्वेषण करनेवाले अधिकारी को प्रमाण जुटाकर उन्हें सरकार को सौंपना चाहिए था; परंतु इस संदर्भ में सरकार ने एकतरफा अनुमति प्रदान की है; इसलिए इस प्रकरण को रद्द किया जाना चाहिए ।’’

२. तडगणी गांव के समारोह में भाषण देते हुए श्री. प्रमोद मुतालिक ने कहा था, ‘‘प्रत्येक हिन्दू को अपने घर में तलवार रखनी चाहिए । हिन्दुअें को मुसलमानों के साथ किसी प्रकार के आर्थिक लेन-देन नहीं करने चाहिएं । शिराळकोप्पा अब छोटा पाकिस्तान बन गया है ।’’ इन वक्तव्यों के कारण सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडने का आरोप लगाकर परिवाद पंजीकृत किया गया था ।

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