नवम्बर २०१८ में देहली में हुए एक हत्याकांड की गुत्थी अब जाकर सुलझी है। ७२ वर्षीय वैज्ञानिक रूप लता भाईदूज पर महिपालपुर स्थित अपने भाई के घर से लौटते समय गायब हो गई थीं।
दो दिन बाद उनकी लाश सरिता विहार के पास मिली थी। लगभग ९ महीने बाद उनकी हत्या की गुत्थी सुलझी है। पुलिस ने २२ वर्षीय ऑटो ड्राइवर माजिद और उसके सहयोगी गोविन्दपाल को गिरफ्तार किया है। रूप लता प्रह्लादपुर में माजिद के ऑटो में बैठी थीं। उनके फोन को ट्रैक कर पुलिस ने हत्या की यह गुत्थी सुलझाई है।
नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर से रिटायर रूप लता की हत्या के बाद से उनका फोन गोविन्दपाल का एक सम्बन्धी उपयोग कर रहा था। पुलिस को पहले शक था की अंतर्राज्यीय डकैती गिरोह ने यह घटना अंजाम दी होगी। साउथ ईस्ट के एडिशनल डीएसपी कुमार ज्ञानेश ने इस मामले को सुलझाया। दरअसल, जब रूप लता ने ऑटो हायर किया, तब माजिद ने जानबूझ कर अलग रास्ता पकड लिया।
रूप लता द्वारा विरोध करने पर माजिद ने कहा कि इस रास्ते से जल्दी पहुँच जाएँगे क्योंकि जाम नहीं रहता है। रास्ते में उसने एक सुनसान जगह पर गाडी रोकी और बुजुर्ग वैज्ञानिक के जेवरात लूट लिए। उसके बाद उसने उनकी गला दबा कर हत्या कर दी। इसके बाद माजिद ने गोविन्दपाल को बुला कर रूप लता की लाश को ठिकाने लगाया। माजिद ने मृत वैज्ञानिक का फोन गोविन्दपाल को दे कर उसे ठिकाने लगाने को कहा, लेकिन गोविन्दपाल ने वह फोन अपने एक सम्बन्धी को दे दिया। यही फोन इस ममले को सुलझाने का माध्यम बना।
स्त्रोत : ऑपइंडिया