चैत्र कृष्ण ४ / ५ , कलियुग वर्ष ५११४
जयपुर [जासं]। राजस्थान बाल संरक्षण आयोग और बाल कल्याण समिति द्वारा १३ मार्च को अवैध बालगृह के दो ठिकानों से मुक्त कराए गए बच्चों से पूछताछ में सामने आया है कि बालगृह में बच्चियों का यौन-शोषण किया जाता था।
जयपुर के मानसरोवर में ग्रेस होम संस्था के बालगृह में कैद २९ बच्चे छुड़ाए गए थे, जिनमें २७ लड़कियां और दो लड़के थे। इसी संस्था के सिद्धार्थ नगर स्थित ठिकाने से २४ बच्चे छुड़ाए गए थे। संस्था के संचालक जेकब जॉन को हिरासत में ले लिया गया था, जो बिना रजिस्ट्रेशन या किसी अनुमति के बालगृह संचालित करता था।
पुलिस प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि बालगृह का संचालक जैकब जॉन लड़कियों से दुष्कर्म करता था। १७ वर्षीय एक लड़की ने पुलिस को बताया कि जैकब उसके साथ लंबे समय से रेप कर रहा था। दो अन्य लड़कियों ने भी यौन शोषण की बात कही है। लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवा दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आएगी। दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लड़कियों को शनिवार को जयपुर की जिला अदालत में पेश किया गया। अदालत सोमवार को उनका बयान दर्ज करेगी।
इस बालगृह में बाहरी राज्यों से बच्चे-बच्चियों को शिक्षा दिलवाने के नाम पर लाया गया था, लेकिन पुलिस को जांच में कहीं भी ऐसी जगह नहीं मिली, जहां इन्हें शिक्षा दी जाती हो। बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष दीपक कालरा और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राम प्रकाश बैरवा के मुताबिक, उन्हें मिली शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी। दबिश के वक्त जो बच्चे छुड़ाए गए थे वे मणिपुर, नागालैंड, असम, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और नेपाल के थे। यह संस्था १९९६ से चल रही है।
उल्लेखनीय है कि अवैध बालगृह से मुक्त कराए गए इन च्च्चों के अलावा राजस्थान पुलिस ने दस मार्च को भी भरतपुर रेलवे स्टेशन पर सियालदह एक्सप्रेस से २०० च्च्चों को मुक्त कराया था। ये च्च्चे मजदूरी के लिए विभिन्न राज्यों से लाए गए थे।
स्त्रोत : जागरण .कोम