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नेपाल में बाढ के साथ लैंडस्लाइड का कहर, अब तक ९० की मौत

काठमांडू के कई हिस्से बाढ के पानी में डूब गए हैं। मोरांग में उफनती बखराहा, लोहंद्रा, जूडी, सिंघिया और केशलिया नदियों का पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया है !

नेपाल में बाढ का कहर जारी है ! बाढ के साथ लैंडस्लाइड ने भी लोगों की मुश्किलें बढा दी हैं ! भारत से सटे इस छोटे से तराई देश में अब तक ९० लोग मारे जा चुके हैं जबकि २९ लोग गायब बताए जा रहे हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, अभी तक ३३६६ लोगों को बचाया गया है। राहत और बचाव का काम पूरी तेजी से चलाया जा रहा है।

गृह मंत्रालय ने बताया है कि, करीब ३५,००० लोग इस तबाही से प्रभावित हुए हैं। यहां के निचले इलाकों में लोगों की जिंदगी काफी ज्यादा प्रभावित हुई है। नेपाल के ७७ जिलों में से २० से अधिक बाढ और लैंडस्लाइड की चपेट में हैं। नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती आपदा प्रभावित जिलों में बचाव और राहत कार्यों को करने के लिए की गई है। नदियों में उफान के चलते बांध के टूट जाने और पानी गांवों में घुसने के चलते लोगों को अन्य स्थानों में हटाया गया है। ऐसे इलाकों में १३,००० से अधिक परिवारों को विस्थापित किया गया जहां ३,५०० घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं !

मौसम विभाग के अनुसार, हालांकि कई प्रमुख नदियों में पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन देश के कई क्षेत्रों में बारिश के जारी रहने से लोगों को सचेत रहने की चेतावनी दी गई है। नेपाल में सामान्यत: जुलाई और अगस्त में मानसून आता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ और जुलाई के शुरुआती हफ्ते में ही बारिश ने बाढ और लैंडस्लाइड से हालात बदतर बना दिए !

बाढ की तबाही से राजधानी काठमांडू भी वंचित नहीं है। काठमांडू के कई हिस्से बाढ के पानी में डूब गए हैं। मोरांग में उफनती बखराहा, लोहंद्रा, जूडी, सिंघिया और केशलिया नदियों का पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया है जिसके चलते करीब ४ हजार लोग विस्थापित हो गए हैं। लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में देखे जा रहे हैं। प्रशासन ने ऐसे लोगों की मदद में कई बड़े अभियान चलाए हैं !

स्त्रोत : आज तक

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