छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनानी नरवीर ‘बाजीप्रभु देशपांडे’ स्मृतिदिवस
कागल (जिला कोल्हापुर, महाराष्ट्र) : अंग्रेजों ने वर्ष १८५७ के संघर्ष के पश्चात आर्म्स एक्ट लागू कर हिन्दुओं को निःशस्त्र बनाया, तो स्वातंत्र्यसंग्राम में गांधीद्वारा भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढाए जाने से हिन्दू अपना क्षात्रतेज ही भूल गए ! हिन्दुओं के मन से ही क्षात्रतेज नष्ट होने से आज विविध जगहों पर हिन्दुओं के साथ अत्याचार होते हुए भी हिन्दू उसका प्रतिकार नहीं करते ! बाजीप्रभु के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने जिस प्रकार से अपने शौर्य का परिचय दिया, उसी प्रकार से आज हिन्दुओं ने अपना शौर्य जागृत करने की आवश्यकता है ! हिन्दू जनजागृति समिति के कोल्हापुर जिला समन्वयक श्री. किरण दुसे ने ऐसा प्रतिपादित किया। छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर सेनानी बाजीप्रभु देशपांडे स्मृतिदिवस के उपलक्ष्य में १७ जुलाई को धर्मप्रेमी श्री. प्रमोद आरेकर के निवासपर (काळम्मावाडी वसाहत) में आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रहे थे।
आरंभ में शिवसेना के कागल तहसिल प्रमुख श्री. किरण कुलकर्णी एवं श्री. किरण दुसे के हाथों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का पूजन किया गया। इस समय श्री. किरण कुलकर्णी ने कहा, ‘‘बाजीप्रभु देशपांडे ने छत्रपति शिवाजी महाराज एवं स्वराज्य हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया। उसी आदर्श को सामने रख कर हमें राष्ट्र एवं धर्म के प्रति क्रियाशील होने की आवश्यकता है !’’ श्री. संतोष सणगर ने इस कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया।
क्षणिका : कार्यक्रम के पश्चात समिति की ओर से स्वसंरक्षण प्रत्यक्षिक दर्शाए गए। तब धर्मप्रेमियों ने नियमितरूप से प्रशिक्षणवर्ग आरंभ करने की मांग की !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात