चैत्र कृष्ण ७ , कलियुग वर्ष ५११४
हिंदू जनजागृति समितिपर कांग्रेसी शासनकर्ताओं द्वारा लगाई गई यह अघोषित बंदी ही है ! यही शासनकर्ता मुंबईमें दंगे करनेवाली रझा अकादमीको खुली छूट देते हैं !
मुंबई – शिवजयंतीके अवसरपर एक मंडलने कुछ कार्यक्रमोंका आयोजन किया था । इसमें हिंदू जनजागृति समितिके एक कार्यकर्ताका, ‘ छत्रपती शिवाजी महाराज, हिंदुत्व तथा हिंदू राष्ट्रकी आवश्यकता’, इस विषयपर व्याख्यान आयोजित किया था । यह व्याख्यान पुलिस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेसके कुछ कार्यकर्ताओंके दबावके कारण स्थगित किया गया ।
१ . इस व्याख्यानकी निमंत्रण पत्रिका छपवाई गई थीं तथा उसपर समितिके कार्यकर्ताका नाम एवं व्याखनके विषयकी जानकारी थी ।
२ . कार्यक्रमकी उद्घोषणा ध्वनीक्षेपक द्वारा एक मुसलमानके वाहनसे की जा रही थी; किंतु उद्घोषणा करनेवाला मुसलमान समितिके व्याख्यानके बारेमें जानकारी नहीं दे रहा था । (हिंदुओ, मुसलमानोंकी हिंदुद्वेषी मानसिकता जानिए ! – संपादक,दैनिक सनातन प्रभात) यह बात ध्यानमें आनेपर व्याख्यानसे एक दिन पहले समितिके अन्य एक कार्यकर्ताने मंडलके कार्यकर्ताओंसे पूछताछ की ।
३ . मंडलके कार्यकर्ताओंने बताया कि, समितिके कार्यकर्ताका व्याख्यान आयोजित करनेके कारण उनकी पुलिस द्वारा पूछताछ हुई । (समितिके कार्यकर्ताका केवल व्याख्यान आयोजित करनेपर पूछताछ करनेवाली पुलिस, क्या कभी ऐसी पूछताछ अन्य धर्मियोंके कार्यक्रम आयोजित करनेपर करती हैं ? हिंदू असंघटित होनेके कारण तथा उनमें धर्माभिमानका अभाव होनेके कारण पुलिस इस प्रकारसे दबाव डालती हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) राष्ट्रवादी कांग्रेसके कुछ कार्यकर्ताओंने बताया, हिंदू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाका कोई भी कार्यक्रम इस गांवमें न रखें । व्याख्यानमें मुसलमानोंके विषयमें कुछ भी न कहा जाए । (राष्ट्रवादी कांग्रेसका हिंदूद्वेष ! राष्ट्रवादी कांग्रेसके नेताओं द्वारा आजतक मुसलमानोंकी चापलूसी करनेसे आज उनके सामान्य कार्यकर्ता भी मुसलमानोंके अत्याचारका सत्य इतिहास सुननेकी स्थितिमें नहीं हैं । क्या हिंदुओंको नपुंसक बनानेवाले ऐसे राजकीय पक्ष कभी हिदुओंकी भलाई कर सकेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) राष्ट्रवादी कांग्रेसके कार्यकर्ताओंसे इस कार्यक्रम हेतु धन लिया गया है । अत: उनकी बातें सुनने।के लिए विवश होना पडा । (इस प्रकार विवश होकर शिवजयंती मनाना तथा सत्यको अनदेखा करना, क्या छत्रपती शिवाजी महाराजको पसंद आएगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४ . व्याख्यानके माध्यमसे केवल सत्य इतिहास तथा वास्तव प्रस्तुत किया जाएगा । उसमें कुछ भी अनुचित नहीं है, यह समझानेका प्रयास समितिके कार्यकर्ताने किया; किंतु दबावमें आकर मंडलका कहना कांग्रेस कार्यकर्ताओंने न सुनते हुए व्याख्यान न देनेका निर्णय सुनाया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात