दारुल उलूम देवबंद : भारतमें फैले अपने नेटवर्क के जरिए इस्लाम को मजबूत बनाने का काम ?

धर्मांतरण: दारुल उलूम खड़ा करेगा एंटी कनवर्जन फ्रंट

आगरा में जिन मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कराया गया, उनमें से एक मुनीरा बेगम से बात करते समाजवादी पार्टी के नेता और कुछ मौलाना।

अलीगढ़/आगरा (उत्तर प्रदेश): आगरा में कुछ मुस्लिम परिवारों का कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने के मामले पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। क्रिसमस के मौके पर ईसाइयों और मुस्लिम परिवारों का धर्म परिवर्तन करवाने का एलान करने वाले आरएसएस से जुड़े संगठन धर्म जागरण समिति ने इसके लिए बाकायदा चंदे की भी मांग की है। उधर, इस्लामिक शिक्षा से जुड़े संगठन दारुल उलूम देवबंद ने सरकार से ‘गैरकानूनी धर्मांतरण’ रोकने की मांग करते हुए ‘धर्मांतरण विरोधी विंग’ को दोबारा शुरू करने का एलान किया है। संगठन ने कहा है कि वह इस्लाम की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।

शाही इमाम भी जारी करेंगे बयान

दारुल उलूम का धर्मांतरण विरोधी विंग फितना-ए-इत्तिहाद कहलाता है। संगठन ने जुड़े अबुल कासिम नोमानी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि संगठन पूरे देश में फैले अपने नेटवर्क के जरिए इस्लाम को मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मंशा किसी तरह के संघर्ष की स्थिति पैदा करने की नहीं है। नोमानी ने कहा, ”हम क्या कदम उठाएंगे, इस पर बहस के लिए मीडिया सही प्लेटफॉर्म नहीं है, क्योंकि यह धार्मिक मामला हैं। आप जानते हैं कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए इस्लामिक संगठनों में फितना-ए- इत्तिहाद जैसे विंग काम करते हैं। हम सभी संभावनाओं पर काम कर रहे हैं।” उधर, दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी शुक्रवार को एक संबोधन में इस मसले पर अपना रुख जाहिर करेंगे। इसमें 10 हजार मुसलमानों के पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मामले में दखल नहीं देती, तो अपने विश्वास की रक्षा के लिए मुसलमान आजाद हैं।

धर्म परिवर्तन का खर्च 

वहीं, अलीगढ़ में हिंदू संगठन धर्म जागरण समिति की ओर से बंटवाए गए पैम्फलेट में कहा गया है कि एक ईसाई के धर्मांतरण में २ लाख, जबकि मुसलमान के धर्मांतरण में ५ लाख रुपए का खर्च आता है। धर्म जागरण समिति, पश्चिम क्षेत्र के लेटरहेड वाले ये पैम्फलेट अलीगढ़ के बहुत सारे घरों में पहुंच चुके हैं। संगठन ने व्यापक स्तर पर ‘घर वापसी’ के कार्यक्रम की योजना का जिक्र किया है। पर्चे में लोगों को ‘बंधुवर’ कहकर संबोधित किया गया है। इसमें लिखा है, ”घर वापसी के कार्यक्रम के लिए बहुत सारा पैसा चाहिए, क्योंकि धर्मांतरण का काम बढ़ रहा है। अपना योगदान दीजिए ताकि सभी व्यवस्था हो सके।”


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मुसलमानों और ईसाइयों को बताया समस्या

संगठन के मुताबिक, ईसाई और मुस्लिम देश में समस्या हैं। ऐसा क्यों है, यह पूछे जाने पर संगठन के काशीनाथ बंसल ने कहा, ”ईसाई समस्या हैं। मुसलमान समस्या हैं। हर कार्यकर्ता को इस समस्या पर काम करने के लिए काफी पैसे की जरूरत है।” बता दें कि गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने 25 दिसंबर को अलीगढ़ में कथित तौर पर होने वाले धर्मांतरण वाले कार्यक्रम में पहुंचने का एलान किया है। अलीगढ़ के माहेश्वरी कॉलेज में होने वाले कार्यक्रम में 5000 मुसलिम और 1000 ईसाइयों के धर्मांतरण की योजना है। हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि इस तरह के कार्यक्रम के लिए मंजूरी देने का सवाल ही नहीं उठता। एसएसपी अलीगढ़ के मुताबिक, ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा।

मदरसा ने जोशी को भेजा निमंत्रण वापस लिया

कानपुर के एक मदरसा ने अपनी इमारत के उद्घाटन के लिए बीजेपी एमपी मुरली मनोहर जोशी को भेजे गए निमंत्रण को वापस ले लिया है। सूत्रों के मुताबिक, जोशी की कथित तौर पर बाबरी मस्जिद विध्वंस में भूमिका के मद्देनजर आखिरी वक्त पर यह फैसला लिया गया। मदरसे के प्रिंसिपल मोहम्मद मेराज ने यह निमंत्रण भेजा था। जोशी ने इस निमंत्रण को कबूल भी कर लिया था। कार्यक्रम जनवरी में था।

स्रोत : दैनिक भास्कर

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