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लव जिहाद : नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण में जज समेत पांच पर आरोप तय

नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुडे चर्चित प्रकरण के एक और मामले में गढवा के तत्कालीन प्रधान न्यायायुक्त पंकज श्रीवास्तव (अब सेवानिवृत्त), गया सिविल कोर्ट के तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी राजेश प्रसाद, मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली (रकीबुल हसन), उसकी मां कौशल रानी और कोहली के दोस्त रोहित रमन के खिलाफ अदालत ने शुक्रवार को आरोप तय किया।

दोनों जज एवं रोहित पर आपराधिक साजिश के तहत आरोपी कोहली व उसकी मां को भगाने व संरक्षण देने का आरोप है। शुक्रवार को सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार गुड़िया की अदालत में मामले के पांचों आरोपी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। कोहली को जेल से लाया गया था। अदालत ने सभी को उनके ऊपर लगे आरोपों को पढ़कर सुनाया। इससे आरोपियों ने इंकार किया। बाद में आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अदालत ने मामले में सीबीआई को २३ अगस्त से गवाही प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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इन धाराओं में आरोप तय

पांचों आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा १२०(बी) (आपराधिक साजिश) एवं २१२ (अपराधी को भगाना व संरक्षण देना) के तहत आरोप गठित किया गया है।

आरोप गठन टालने की कोशिश रही नाकाम

मामले में एक बार फिर आरोप गठन की प्रक्रिया टालने की कोशिश की गयी थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। आरोप गठन की कार्रवाई से पूर्व मामले के एक आरोपी सिपाही अजय कुमार की ओर से  आवेदन दिया गया कि, हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन फाइल किया गया है। इसकी सुनवाई कभी भी हो सकती है। यह कहते हुए अदालत से समय की मांग की गई। इसे अदालत ने ठुकरा दिया। साथ ही अजय कुमार की फाइल अलग कर दी गयी।

चार्जशीट के ढाई साल बाद आरोप तय

मामले के छह आरोपियों के खिलाफ सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी ११(एस)/१५ दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया था। सीबीआइ ने जांच पूरी करते हुए सात अक्तूबर २०१६ को चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट भादवि की धारा १२०(बी) सहपठित २१२ के तहत किया गया था। बताते चले कि, तारा शाहदेव प्रकरण के बाद हिन्दपीढ़ी थाना में कांड संख्या ७९९/१४ दर्ज किया गया था। यह प्राथमिकी सात सितम्बर २०१४ को दर्ज की गयी थी। हाइकोर्ट ने १९ मई २०१५ को तारा शाहदेव प्रकरण से जुडे मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी।

स्रोत : लाईव्ह हिंदुस्थान

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