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मलेशियामें हिंदुओंके लिए अनशन करनेवाले पी. वेदमूर्तिके स्वास्थ्यकी ओर सरकारकी अनदेखी

चैत्र कृष्ण ७, कलियुग वर्ष ५११४

’हिंदराफ’ संगठनके प्रमुख पी. वेदमूर्ति

’हिंदराफ’ संगठनके प्रमुख पी. वेदमूर्ति

मलेशियामें स्थित हिंदुओकी दयनीय स्थिति !

पेटलिंग जया (मलेशिया) – मलेशियाके दुर्लक्षित अल्पसंख्यक हिंदू समाजकी प्रगति करनेके उद्देश्यसे आमरण अनशन करनेवाले ’हिंदराफ’ हिंदू संगठनके प्रमुख पी. वेदमूर्तिका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगडता जा रहा है । इस संगठनके परामर्शदाता एन. गणेशनने बताया कि मलेशियाके ’बरिसन नैशनल’ एवं ‘पकातन राकयत’ सत्ताधारी राजनीतिक दलोंने उनकी मांगोंकी ओर संपूर्ण रूपसे दुर्लक्ष किया है । ( जिसके नाममें विश्व समाया है, ऐसे हिंदुओंके संगठन भी विश्वभरके हिंदुओंपर होनेवाले अन्यायके विरोधमें कार्यवाही नहीं करते; इसलिए हिंदुओंको उनपर का आधारविश्वासीं प्रतीत होता – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) श्री. वेदमूर्तिके अनशनको २० दिन पूरे हो गए हैं । वे अत्यधिक दुर्बल हो गए हैं । उनके रक्तचापपर भी परिणाम हुआ है । अनेक बार वे चेतनाहीन हो गए थे । चिकित्सकोंका एक पथक उनके स्वास्थ्यपर ध्यान रखे हुए है, ऐसा श्री गणेशनद्वारा प्रसिद्धद्धिके लिए दिए किए निवेदनमें कहा गया है । ( मलेशिया एक मुस्लिम राष्ट्र है । मुस्लिम राष्ट्रमें रहनेवाले अल्पसंख्यक हिंदुओंको मुस्लिम राजनेताओंद्वारा कोई सुविधाएं नहीं मिलती । इसलिए हिंदुओंको अनशन करना पड रहा है । इसके विपरीत भारतमें अल्पसंख्यक मुसलमानोंकी चापलूसी करनेवाले सर्वपक्षीय राजनेता उनकी सारी मांगे पूरी करते उन्हें जो चाहे सो देते हैं । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

१. अनशनसे पूर्व मार्च महीनेके आरंभमे श्री. वेदमूर्तिने ’बरिसन नैशनल’ एवं ’पकातन राकयत’ राजनीतिक दलोंके नेताओंसे भेंट की एवं उनके साथ दुर्लक्षित हिंदू समाजकी मांगोंके विषयमें विचार-विमर्श किया था; परंतु उन्होंने श्री. वेदमूर्तिकी मांगोंपर सहमति नहीं दर्शाई ।
२. श्री वेदमूर्तिने मलेशियाके प्रधानमंत्री नजीब तुन रझाक से भेंट की एवं उनसे इस विषयपर विचार-विमर्श किया; परंतु यह चर्चो भी विफल हुई । ( विश्वमें कहींपर भी हिंदू राष्ट्र नहीं है । हिंदूबहुल भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है । इसके विपरीत विश्वमें अनेक मुस्लिम एवं ईसाई राष्ट्र हैं । अत: विश्वमें कहींपर भी ईसाई एवं मुसलमानोंपर अत्याचार हुआ तो, इन राष्ट्रोंद्वारा दबावतंत्रका उपयोग किया जाता है । हिंदुओंको पूरे विश्वमें न कोई स्थान है, न तो उनका कोई त्राता है । अतः विश्व एवं भारतके हिंदुओंको सिर उठाकर जीनेके लिए अब भारतमें हिंदू राष्ट्रका निर्माण अनिवार्य है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. श्री. गणेशन्ने कहा कि मलेशियामें स्थित हिंदुओंकी मांगे उचित है; परंतु मलेशियाके राजनेता उन मांगोंकी ओर अविश्वाससे देख रहे हैं । मलेशियामें हिंदुओंको अपने अधिकारोंके विषयमें समझौता करना पडता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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