’हिंदराफ’ संगठनके प्रमुख पी. वेदमूर्ति |
मलेशियामें स्थित हिंदुओकी दयनीय स्थिति !
पेटलिंग जया (मलेशिया) – मलेशियाके दुर्लक्षित अल्पसंख्यक हिंदू समाजकी प्रगति करनेके उद्देश्यसे आमरण अनशन करनेवाले ’हिंदराफ’ हिंदू संगठनके प्रमुख पी. वेदमूर्तिका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगडता जा रहा है । इस संगठनके परामर्शदाता एन. गणेशनने बताया कि मलेशियाके ’बरिसन नैशनल’ एवं ‘पकातन राकयत’ सत्ताधारी राजनीतिक दलोंने उनकी मांगोंकी ओर संपूर्ण रूपसे दुर्लक्ष किया है । ( जिसके नाममें विश्व समाया है, ऐसे हिंदुओंके संगठन भी विश्वभरके हिंदुओंपर होनेवाले अन्यायके विरोधमें कार्यवाही नहीं करते; इसलिए हिंदुओंको उनपर का आधारविश्वासीं प्रतीत होता – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) श्री. वेदमूर्तिके अनशनको २० दिन पूरे हो गए हैं । वे अत्यधिक दुर्बल हो गए हैं । उनके रक्तचापपर भी परिणाम हुआ है । अनेक बार वे चेतनाहीन हो गए थे । चिकित्सकोंका एक पथक उनके स्वास्थ्यपर ध्यान रखे हुए है, ऐसा श्री गणेशनद्वारा प्रसिद्धद्धिके लिए दिए किए निवेदनमें कहा गया है । ( मलेशिया एक मुस्लिम राष्ट्र है । मुस्लिम राष्ट्रमें रहनेवाले अल्पसंख्यक हिंदुओंको मुस्लिम राजनेताओंद्वारा कोई सुविधाएं नहीं मिलती । इसलिए हिंदुओंको अनशन करना पड रहा है । इसके विपरीत भारतमें अल्पसंख्यक मुसलमानोंकी चापलूसी करनेवाले सर्वपक्षीय राजनेता उनकी सारी मांगे पूरी करते उन्हें जो चाहे सो देते हैं । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. अनशनसे पूर्व मार्च महीनेके आरंभमे श्री. वेदमूर्तिने ’बरिसन नैशनल’ एवं ’पकातन राकयत’ राजनीतिक दलोंके नेताओंसे भेंट की एवं उनके साथ दुर्लक्षित हिंदू समाजकी मांगोंके विषयमें विचार-विमर्श किया था; परंतु उन्होंने श्री. वेदमूर्तिकी मांगोंपर सहमति नहीं दर्शाई ।
२. श्री वेदमूर्तिने मलेशियाके प्रधानमंत्री नजीब तुन रझाक से भेंट की एवं उनसे इस विषयपर विचार-विमर्श किया; परंतु यह चर्चो भी विफल हुई । ( विश्वमें कहींपर भी हिंदू राष्ट्र नहीं है । हिंदूबहुल भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है । इसके विपरीत विश्वमें अनेक मुस्लिम एवं ईसाई राष्ट्र हैं । अत: विश्वमें कहींपर भी ईसाई एवं मुसलमानोंपर अत्याचार हुआ तो, इन राष्ट्रोंद्वारा दबावतंत्रका उपयोग किया जाता है । हिंदुओंको पूरे विश्वमें न कोई स्थान है, न तो उनका कोई त्राता है । अतः विश्व एवं भारतके हिंदुओंको सिर उठाकर जीनेके लिए अब भारतमें हिंदू राष्ट्रका निर्माण अनिवार्य है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. श्री. गणेशन्ने कहा कि मलेशियामें स्थित हिंदुओंकी मांगे उचित है; परंतु मलेशियाके राजनेता उन मांगोंकी ओर अविश्वाससे देख रहे हैं । मलेशियामें हिंदुओंको अपने अधिकारोंके विषयमें समझौता करना पडता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात