कृष्ण ८ , कलियुग वर्ष ५११४
पैठणमें आयोजित पत्रकार परिषदमें वारकरियोंद्वारा चेतावनी
बार्इं ओरसे ह.भ.प. बापू महाराज रावकर, श्री. सुनील घनवट, ह.भ.प. बोधले महाराज, ह.भ.प. जवंजाळ महाराज,ह.भ.प. कोल्हापूरकर, ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्री एवं ह.भ.प. वाघ महाराज |
श्रीक्षेत्र पैठण, गोहत्या प्रतिबंध अधिनियमकी कार्यवाही सरकारकी उदासीनताके कारण प्रलंबित है । कुछ मुठ्ठीभर लोगोंके मतोंके लिए सरकार यह राजनीति कर रही है । यदि गोहत्या प्रतिबंध अधिनियमके साथ वारकरियोंकी अन्य मांगें सरकारद्वारा स्वीकार नहीं की गई, तो आगामी वर्षाकालीन अधिवेशनमें १ लाख वारकरी मोर्चा निकालेंगे । तदुपरांत भी यदि सरकारने यह मांगे नहीं स्वीकार की, तो वर्ष २०१४ के निर्वाचनमें वारकरी मतोंके माध्यमसे सरकारको अपना रोष दिखा देंगे, ऐसी चेतावनी अखिल भारतीय संत समितिके महामंत्री ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्रीने दी । गो, धर्म एवं राष्ट्ररक्षाके लिए अखिल भारतीय संत समितिद्वारा पैठणमें आयोजित अधिवेशनके संदर्भमें वे पत्रकार परिषदमें बोल रहे थे ।
इस अवसरपर महाराष्ट्र राज्य वारकरी महामंडलके अध्यक्ष ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजाळ, श्रीक्षेत्र आपेगांवके संत ज्ञानेश्वर मंदिरके अध्यक्ष ह.भ.प. ज्ञानेश्वर विष्णु महाराज कोल्हापुरकर, ह.भ.प. प्रकाश महाराज बोधले, राष्ट्रीय वारकरी सेनाके कोकण प्रांताध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकर, हिंदू जनजागृति समितिके महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री. सुनील घनवट, ह.भ.प. बाबूराव महाराज वाघ आदी उपस्थित थे ।
सरकार वारकरियोंके संयमको चरमसीमापर न जाने दे ! – ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजाळ
कोल्हापुरमें संत तुकारामकी गाथा १०-१२ कार्यकर्ताओंद्वारा जलाई गई । तब भी उनपर कठोर कार्यवाही नहीं की गर्ई । वर्ष २००६ में ही हमने सरकारसे संत, संत वाङ्मय, देव तथा देवताओंकी होनेवाली आलोचनाके विरोधमें अधिनियम बनानेकी मांग की था; परंतु उसकी पूर्ति नही हुई । पैठणमें भी श्री एकनाथ षष्ठिसे पूर्व मार्गमें खुदाई कर रखी है । कहीं ऐसा तो नहीं कि वारकरियोंको पीडा देनेके लिए मार्गपर यह खुदाई करनेका षडयंत्र रचा गया है ।
इस प्रकार सरकार वारकरियोंका संयम चरमसीमापर न जान दें ! – ह.भ.प. कोल्हापुरकर महाराज
पैठणमें पीनेके लिए निर्मल पानी नहीं है । यात्राके लिए भी सरकारद्वारा गोदावरी नदीमें पानी नहीं छोडा गया है । सुविधाओंकी पूर्तिके नामपर विविध योजनाओंमें भारी मात्रामें भ्रष्टचार हो रहा है । यात्रासे पूर्व १५ दिन यहांके मार्ग खोदकर रखे गए हैं । वारकरियोंको कष्ट देनेके लिए ही जानबुझकर यह कार्यवाही की गई है । नवटंकीकीr अपेक्षा वारकरियोंको स्थान उपलब्ध करवाकर देनेकी मांग भी सरकारने स्वीकार नहीं की ।
तीर्थक्षेत्रोंके लिए अलगसे अर्थसहायता दी जानी चाहिए ! – ह.भ.प. प्रकाश महाराज बोधले
हिंदुओंके तीर्थस्थलोंपर मल निःसारण व्यवस्था नहीं है । गंदा पानी पवित्र तीर्थक्षेत्रके नदियोमें छोडा जाता है । वारकरियोंको ऐसे गंदे पानीमें स्नान करना पडता है । समाजके विकार दूर करनेवाले वारकरियोंको ऐसी समस्याओंका सामना करना पडता है । सरकारको चाहिए कि वह तीर्थक्षेत्रोंके लिए अलगसे अर्थसाहाय्य उपलब्ध करा दे तथा निधिका व्यय करते समय समन्वय सम्ति स्थापन करे, जिसमें वारकरी सम्मिलित रहें ।
तीर्थक्षेत्रके स्थानपर होनेवाला मद्य एवं मांसका विक्रय बंद करें ! – ह.भ.प. बापू महाराज रावकर
हृषिकेश एवं हरिद्वारमें मांस विक्रीके लिए प्रतिबंध लगाया गया है। दूसरी ओर महाराष्ट्र मात्र मद्यराष्ट्र हो रहा है । वारकरी व्यसनमुक्तिका कार्य कर रहे हैं । ऐसी स्थितिमें तीर्थक्षेत्रके स्थानपर मद्य एवं मांसका विक्रय होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार उसपर प्रतिबंध लगाए ।
स्त्रोत :दैनीक सनातन प्रभात