Menu Close

फर्जी डिग्री के शक में सऊदी अरब, कतर समेत कई देशों ने पाकिस्तानी डॉक्टरों को नौकरी से निकाला

अरब देशों का मानना है कि; पाकिस्तानी डॉक्टर जो कि,क्लिनिक (मरीज के ट्रीटमेंट और केयर) में काम करते हैं उनकी प्रतिभा में कोई कमी नहीं है लेकिन क्लिनिकल रिसर्च में उनका प्रदर्शन बेहतर नहीं है और वे इसके लिए फिट नहीं हैं !

फर्जी डिग्री के शक में पाकिस्तानी डॉक्टरों पर गाज गिर रही है ! सऊदी अरब, कतर समेत कई देश उन्हें नौकरी से निकाले रहे हैं ! वजह है अरब देशों ने पाकिस्तानी डॉक्टरों की पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री की मान्यता रद्द कर दी है ! इसके साथ ही इन डिग्री के साथ पाकिस्तान से अरब देश आनेवाले लोगों को किसी भी बडी पोस्ट देने से इनकार कर दिया गया है ! विशेषकर रिसर्च के क्षेत्र में ! यही नहीं कई डॉक्टरों को तत्काल अपने देश वापस जाने के लिए कह दिया गया है !

अरब देशों का मानना है कि; पाकिस्तानी डॉक्टर जो कि, क्लिनिक (मरीज के ट्रीटमेंट और केयर) में काम करते हैं उनकी प्रतिभा में कोई कमी नहीं है लेकिन क्लिनिकल रिसर्च में उनका प्रदर्शन बेहतर नहीं है और वे इसके लिए फिट नहीं हैं ! मालूम हो कि,सऊदी अरब ने हाल में क्लिनिकल रिसर्च में भारी निवेश किया है। सऊदी इसके जरिए मेडिकल रिसर्च क्षेत्र में खुद को उन्नत करना चाह रहा है। पाकिस्तानी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री (मेडिसिन) की मान्यता पर सबसे पहले सऊदी अरब ने सवाल खड़े किए थे ! इसके बाद अन्य अरब देशों ने भी सऊदी की हां में हां मिलाते हुए पाकिस्तानी डॉक्टरों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है !

आखिर इसकी क्या वजह है कि, पाकिस्तान में पढाई कर डॉक्टर की डिग्री हासिल करनेवाले ये लोग अरब देशों की नजरों में काबिल नहीं ? द प्रिंट की खबर के अनुसार पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में रिसर्च को लेकर कोई गंभीरता नहीं है ! इन कॉलेजों में पढ़ानेवाले प्रोफेसर रिसर्च के नियमों को फॉलो नहीं करते। दूसरी तरफ पाकिस्तान के मेडिकल रिसर्चर्स नए आइडिया पर काम नहीं करते बल्कि विश्व के अन्य देशों से आईडिया को चुराते हैं और उसी पर रिसर्च करते हैं !

वहीं मेडिकल यूनिवर्सिटीज में रिसर्च के क्षेत्र में इसलिए भी जोर नहीं दिया जा रहा क्योंकि, इन यूनिवर्सिटीज के चांसलर किसी प्रांत का गवर्नर होता है। गवर्नर जो कि, आमतौर पर साइंस के क्षेत्र से नहीं होते वह रिसर्च में दिलचस्पी नहीं दिखाते। साफ है अगर किसी यूनिवर्सिटी का चांसलर ही रिसर्च में इच्छा नहीं दिखाए तो वहां पढ़नेवाले छात्र रिसर्च के क्षेत्र में खुद को कैसे उन्नत कर सकेंगे ?

स्त्रोत : जनसत्ता

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *