सबसे अधिक फोन (२,४४८) प्रदेश के बाहर रहे कश्मीरियों के आए ! इसके अलावा १,७५२ कॉल गैर-कश्मीरियोंद्वारा कश्मीर के बाहर से किए गए !
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद ३७० के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने के बाद भारतीय सेना की तमाम इकाइयां जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य स्तर पर लाने की कोशिश में जुटी हैं ! लोगों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए सीआरपीएफ ने भी ‘मददगार’ हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की ! ११ अगस्त से १६ अगस्त के बीच इस सेवा पर ७,०७१ फोन आए। इसमें लोगों ने कश्मीर में स्थित अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में पूछताछ की। खास बात है कि, इस दौरान ‘मददगार’ सेवा पर १७१ फोन देश से बाहर से आए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों के परिवारों ने २,७०० फोन कॉल्स किए।
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक फोन (२,४४८) प्रदेश के बाहर रहे कश्मीरियों के आए। इसके अलावा १,७५२ कॉल गैर-कश्मीरियोंद्वारा कश्मीर के बाहर से किए गए। ‘मददगार’ नंबर १४४१ पर ४५ फोन सऊदी अरब से भी आए। फोन करनेवाले लोगों ने कश्मीर में रह रहे उनके परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी और कुछ उनसे बात करने का अनुरोध भी किया।
टीओआई में छपी खबर के अनुसार अनुच्छेद ३७० निरस्त होने के बाद २२ देशों से ‘मददगार’ सेवा पर फोन किया गया। इसमें यूएई (३९), कुवैत (१२), इस्राइल (८), मलेशिया (८), रूस (७) अमेरिका के न्यूयार्क से (६), तुर्की (६), ऑस्ट्रेलिया (५), यूके-सिंगापुर-बांग्लादेश (५), कनाडा-बहरीन-जर्मनी-फिलीपींस-थाईलैंड (३), ओमान-फ्रांस-बेल्जियम (२) और चीन-कतर से एक-एक फोन किए गए।
इसमें एक दिलचस्प बात कहते जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीआईओ को बताया उन्हें बहुत से फोन पाकिस्तान के अलग-अलग नंबरों से आए। कुछ लोगों ने वास्तव में कश्मीर में रह रहे अपने रिश्तेदारों के बारे में पूछताछ और कुछ लोगों ने गालियां दीं !
स्त्रोत : जनसत्ता