हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान !’
आदर्श गणेशोत्सव मनाने हेतु उद्बोधन अभियान चलाने का निर्णय
मुंबई : मुंबई में भांडुप, मालाड और नई मुंबई के खारघर और कोपरखैरणे में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सार्वजनिक उत्सव समन्वयक शिविर लिया गया। इन शिविरों में विविध गणेशोत्सव मंडलों के प्रतिनिधि सहभागी हुए। इन शिविरों में समिति की ओर से ‘गणेशोत्सव : वास्तव एवं आदर्श’ दृकश्राव्य चक्रिका दर्शाई गई। इस बैठक में गणेशोत्सव में चल रही अप्रिय घटनाओं को टाल कर गणेशोत्सव किस प्रकार से आदर्श पद्धति से मनाया जा सकता है ?, इस संदर्भ में विचार-विमर्श किया गया। इसके पश्चात गणेशोत्सव मंडलों के प्रतिनिधियों ने उद्बोधनात्मक अभियान चलाने का निश्चय किया !
खारघर, नई मुंबई
यहां के सेक्टर ५ के श्री गणेश-औदुंबर मंदिर के प्रांगण में ११ अगस्त को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में ५ गणेशोत्सव मंडलों के प्रतिनिधि सहभागी हुए थे। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर ने उपस्थित प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया।
‘स्वराज्य से सुराज्य’ में प्रवेश करने हेतु उद्बोधन ही गणेशोत्सव का लक्ष्य होना चाहिए ! – श्री. सतीश कोचरेकर, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
सार्वजनिक गणेशोत्सव के माध्यम से जनजागरण करते हुए लोकमान्य तिलकजी ने स्वराज्य दिलवा दिया; किंतु आज इस स्वराज्य का रूपांतरण सुराज्य में करने की आवश्यकता है ! इसके लिए धर्म का अधिष्ठान होना चाहिए। गणेशोत्सव मंडलों ने इस लक्ष्य को सामने रख कर कार्य किया, तो उससे राष्ट्र-धर्म की रक्षा होकर ‘स्वराज्य का सुराज्य’ बनेगा !
भांडुप
भांडुप (पश्चिम) के बीपीएस् विद्यालय के सामने स्थित बैंगणपाडा के सार्वजनिक उत्सव मंडल के सभागार में ११ अगस्त को शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नवतरुण मित्रमंडल, सह्याद्रीनगर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल, बैंगणपाडा मित्रमंडल आदि मंडलों के १६ प्रतिनिधि सहभागी थे। इस शिविर में हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर ने गणेशोत्सव मंडलों को ईश्वरीय राज्य स्थापना कार्य में अपना योगदान देने का आवाहन किया, साथ ही सार्वजनिक उत्सव आदर्श पद्धति से कैसे मनाने चाहिएं ?, इस संदर्भ में समिति के मुंबई समन्वयक श्री. बळवंत पाठक ने उपस्थित प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया। इस शिविर के आयोजन में बैंगणपाडा सार्वजनिक उत्सव मंडल से बहुमूल्य सहयोग मिला !
गणेशोत्सव शास्त्रशुद्ध पद्धति से मनाने के साथ ही इस माध्यम से धर्मसेवा होने हेतु संगठितरूप से प्रयास करेंगे ! – अधिवक्ता श्री. संतोष महामुनी
धर्म का अनादर करना पाप है ! शास्त्र को समझ कर आचरण करने से योग्य क्या है ?, इसका संदेश समाज तक पहुंचेगा ! हिन्दू धर्म में हरएक कृती का शास्त्र बताया गया है। उसका अध्ययन कर उसे अधिकाधिक लोगों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है ?, इस दृष्टि से हम प्रयास करेंगे ! गणेशोत्सव मंडलों के पास जो संगठन है, वही हमारी बडी शक्ति है ! इस माध्यम से उत्सव शास्त्रशुद्ध पद्धति से मनाने हेतु, साथ ही इस माध्यम से व्यापकरूप से धर्मसेवा होने हेतु हम संगठितरूप से प्रयास करेंगे !
शिविरार्थियों की प्रतिक्रियाएं
१. श्री. संतोष वैद्य, अध्यक्ष, नवतरुण सामाजिक मित्रमंडल : शिविर में विविध सूत्रों पर उपयुक्त मार्गदर्शन मिला। आज इसीकी आवश्यकता है !
२. श्री. रोहित आजगांवकर, सदस्य, सह्याद्रीनगर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल : हमारे धर्म से विलुप्त हो रही बातों के संदर्भ में समाज में उद्बोधन की आवश्यकता है !
३. श्री. चंद्रकांत झगडे, सहकोषाध्यक्ष, बैंगणपाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल : इस शिविर से बहुत ही नई-नई बातें सिखने को मिली है ! शिविर में उत्साह प्रतीत हो रहा था ! मंडल में नए अभियान चलाने की संकल्पना बहुत अच्छी है !
कोपरखैरणे, नई मुंबई
कोपरखैरणे गांव के पूर्व सरपंच ह.भ.प. मोरेश्वर पाटिल ने शिविर के लिए सभागार उपलब्ध कराया। उन्होंने समिति के कार्य की प्रशंसा की। इस अवसर पर जिज्ञासुओं ने विविध प्रश्न पूछ कर अपनी शंकाओं का निराकरण करा लिया। यहां हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता वैद्य उदय धुरी ने मार्गदर्शन किया।
क्षणिका : इस अवसर पर ऐरोली के धर्मप्रेमी श्री. .संदीप मांडवकर ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, शिविर में लगाई गई सनातन उदबत्ती की सुगंध से मेरा मन बहुत प्रसन्न हुआ ! आप हमारे गणेशोत्सव मंडल में मार्गदर्शन हेतु आईए। हम फलकों का (बैनर्स) का खर्चा उठाएंगे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात