हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान !’
यवतमाळ : सार्वजनिक उत्सवों में होनेवाली अप्रिय घटनाओं को टाल कर यह उत्सव आदर्श पद्धति से मनाया जाए, साथ ही उत्सव के माध्यम से लोकजागरण हो; इस हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १८ अगस्त को श्री केदारेश्वर मंदिर के सभागार में ‘सार्वजनिक उत्सव समिति शिविर’ संपन्न हुआ।
वाघाईमाता मंदिर के श्री. प्रदीपराव मिरासे एवं श्री. हरिभाऊ चौधरी के हाथों दीपप्रज्वलन किया गया। इस शिविर में हिन्दू जनजागृति समिति के विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर ने मार्गदर्शन किया। इस समय आदर्श गणेशोत्सव कैसे मनाएं, इसकी जानकारी देनेवाली दृकश्राव्य चक्रिका दर्शाई गई। उसमें दर्शाया गया अप्रिय घटनाओं का वास्तव देख कर सभी सदस्य सुन्न हो गए और उन्होंने ‘हम अपने क्षेत्र में इस प्रकार की अप्रिय घटनाएं नहीं होने देंगे’, ऐसा निर्धार व्यक्त किया !
इस शिविर में १० गणेशोत्सव मंडलों के १२ पदाधिकारी उपस्थित थे। इस समय यहां राष्ट्र-धर्म से संबंधित फलक प्रदर्शनी और सनातन निर्मित सात्त्विक उत्पादों के कक्ष का आयोजन किया गया।
प्रतिसाद
१. वाघाईमाता मंदिर के श्री. हरिभाऊ चौधरी ने मंदिर में धर्म से संबंधित प्रदर्शनी प्रायोजित करने की मांग की !
२. बाल गणेश उत्सव मंडल के श्री. सतीश चव्हाण एवं श्री. मनोज आडे ने स्वरक्षा प्रशिक्षण वर्ग के अंतर्गत सेवा देने की मांग की !
३. सर्वशक्ति दुर्गा उत्सव मंडल के श्री. आकाश पाटणकर ने नवरात्रोत्सव में समिति की फ्लेक्स प्रदर्शनी लगाने की मांग की !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
ठाणे में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल अधिवेशन’ का आयोजन
गणेशोत्सव मंडलोंद्वारा आदर्श गणेशोत्सव मनाने का निर्धार !
ठाणे : गणेशोत्सव का स्वरूप प्रतिदिन बदल रहा है ! उसके कारण उत्सव की पवित्रता न्यून हो रही है, साथ ही धर्म की हानि होकर समाज में अयोग्य संदेश भी जा रहा है ! इसलिए हम आदर्श गणेशोत्सव मनाकर समाज के सामने आदर्श रख कर श्री गणेश की कृपा संपादन करेंगे ! हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर ने ऐसा प्रतिपादित किया। उपस्थित मंडलों के पदाधिकारियों ने उनके इस प्रतिपादन से सहमति जता कर आदर्श गणेशोत्सव मनाने का निर्धार किया !
ठाणे में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १८ अगस्त को यहां के गांवदेवी प्रांगण के निकट के स्काऊट गाईड सभागार में सायंकाल ५ बजे ‘सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल अधिवेशन’ का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में शिव प्रेरणा मित्रमंडल, विघ्नहर्ता मित्रमंडल आदि मंडलों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
श्री. सतीश कोचरेकर ने आगे कहा कि . . .
गणेशोत्सव मंडलों में जागरण करने के नामजप जुआ खेलना, फ़िल्मी गीतों पर आधारित नृत्य प्रतियोगिताएं लेना, कर्कश स्वर में आरती गाना, शोभायात्रा में डीजे के ताल पर अंगविक्षेप कर नाचना आदि अप्रिय घटनाएं होती हैं ! इन अनुचित घटनाओं को रोकने हेतु मंडल में धर्मशिक्षा देनेवाले फलक लगाने चाहिए। साथ ही ध्वनिक्षेपक पर श्री गणेश का नामजप अखंड चलते रहना चाहिए। आरती को सूर में गाना चाहिए। उत्सव की कालावधि में श्री गणेश से संबंधित शास्त्रीय जानकारी देनेवाले प्रवचनों का आयोजन करना चाहिए। मंडल में क्रांतिकारकों की जानकारी दी जानी चाहिए एवं श्री गणेश की शोभायात्रा करताल बजाते हुए आदर्श पद्धति से निकालनी चाहिए। ऐसी कृतियों के साथ ही हम श्री गणेश की कृपा संपादन कर सकते हैं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात