महाराष्ट्र के जळगांव एवं पनवेल में आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओं की एकमुख से मांग
जळगांव : कश्मीर के मूलनिवासी लाखों कश्मीरी हिन्दुओं को धर्मांध और आतंकवादियों के भय से कश्मीर में विस्थापित होना पडा था, तो दूसरी ओर म्यानमार के घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से कश्मीर में बंसाया गया है ! इस अन्याय को दूर करने हेतु अब केंद्र सरकार कश्मीरी हिन्दुओं का कश्मीर में सम्मान के साथ पुनर्वास करें और घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानों को तुरंत देश से बाहर निकाल दें ! हिन्दू जनजागृति समिति की श्री. श्रेयस पिसोळकर ने ऐसी मांग की। १७ अगस्त को यहां की महापालिका के निकट आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में वे बोल रहे थे। इस समय श्री. पिसोळकर ने केंद्र सरकार कश्मीर में ध्वस्त किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण करे एवं विगत ७० वर्षों में जम्मू-कश्मीर विधानसभाद्वारा पारित सभी देशविरोधी कानूनों को निरस्त करे, ऐसी भी मांग की।
कथित मॉब लिंचिंग के झूठे आरोप लगा कर देश की एकता को संकट उत्पन्न करनेवाले धर्मांधों के विरोध में सरकार कार्रवाई करें, साथ ही चर्च में हो रहे घोटाले और घट रहे अनैतिक व्यवहारों को ध्यान में लेते हुए देश के सभी चर्च का सरकारीकरण किया जाए ये मांगें भी की गईं।
राष्ट्रीय हरित आयोग के निर्णय के अनुसार कागज के लुगदे से बनाई जानेवाली गणेशमूर्तियों के क्रय पर प्रतिबंध लगाया जाए !
गणेशभक्तों ने ऐसी मांग की कि, प्रशासनद्वारा न्यायालय के निर्णय की उचित कार्रवाई न किए जाने से आज बाजार में बडी संख्या में कागज के लुगदे से बनाई गई गणेशमूर्तियां क्रय के लिए आ रही हैं ! एक ओर प्रदूषण रोकने हेतु पर्यावरणमंत्री श्री. रामदास कदम प्लास्टिकबंदी का जनहितकारी निर्णय लेते हैं, तो दूसरी ओर प्रशासन कागज के लुगदे से बनी मूर्तियों के विरोध में कुछ न कर प्रदूषण को बढावा दे रहा है ! अब तो मंत्रिमहोदय ने इसका संज्ञान लेकर राज्य शासन के संबंधित विभाग और जिला प्रशासन को ऐसी मूर्तियों की निर्मिति और क्रय न हो; इसके निर्देश देने चाहिएं, साथ ही जलप्रदूषण को रोकने हेतु राज्य शासन ने खडिया मिट्टी से बनाई जानेवाली एवं प्राकृतिक रंगों से रंगाई जानेवाली गणेशमूर्तियों को बढावा देने का निर्णय लेना चाहिए !
पनवेल में भी ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
पनवेल : यहां १७ अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर हिन्दू जनजागृति समित एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से विविध महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में जम्मू-कश्मीर में धारा ३७० को हटाए जाने के लिए केंद्र सरकार का अभिनंदन किया गया।
इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के वैद्य उदय धुरी ने कहा, ‘‘कश्मीर कश्यप ऋषीं की भूमि है, जो अब वास्तव में मुक्त हुई है ! आज देश में ‘कानून हिन्दुओं के लिए और उस्का लाभ अल्पसंख्यकों के लिए’ की स्थिति है ! हिन्दुओं के मंदिरोंपर प्रशासक की नियुक्ति कर वहां भ्रष्टाचार किया जा रहा है। वास्तव में सरकार ने सभी चर्च संस्थाओं को नियंत्रण में लेकर उनका सरकारीकरण करना चाहिए; क्योंकि, हिन्दुओं के साथ धोखाधडी कर उनका धर्मांतर करनेवाले चर्च संस्थाओं में भूमि से संबंधित घोटालें, साथ ही आर्थिक अनियमितताएं एवं नन के साथ यौन शोषण के कई प्रकरण न्यायालय में प्रलंबित हैं ! इसलिए इन चर्च संस्थाओं का सरकारीकरण किया जाना चाहिए, ऐसी हमारी मांग है !’’
इस अवसर पर रणरागिणी शाखा की श्रीमती मोहिनी पांढरे, स्वराज्य मावळा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री. गुरुनाथ मुंबईकर एवं दिघाटी गांव के सरपंच श्री. रोहिदास शेडगे ने भी राष्ट्र-धर्म से संबंधित मांगों से संबंधित अपने विचार प्रस्तुत किये।
इस आंदोलन में पनवेल तहसिल के बजरंद दल संयोजक श्री. संजय उलवेकर एवं नैशनल प्रोग्रेसिव युथ संगठन के उपाध्यक्ष उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात