केरल में बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाली नन लूसी कलपूरा ने अपनी हत्या का अंदेशा जताया है। उन्होंने पुलिस से अपनी शिकायत वापस लेने और माफी माँगने से भी इनकार किया है। कैथोलिक क्रिश्चन सोसायटी फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन (FCC) ने कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे माफी माँगने और शिकायत वापस लेने को कहा था।
सिस्टर लूसी का कहना है कि सितंबर २०१८ के बाद उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, उन्हें जिस तरह टॉर्चर किया गया, इसके लिए एफसीसी को उनसे माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने कहा ये केवल उनकी बात नहीं है। यह महिलाओं के अस्तित्व का मसला है। वे मर्दों की बपौती नहीं हैं।
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लूसी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “जैसे आप धूम्रपान करने के बाद अपने पैरों के नीचे सिगरेट को कुचल देते हैं, वैसा ही व्यवहार वो मेरी जैसी महिलाओं के साथ कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अब समझौता करने की कोई गुंजाइश नहीं है। पहले भी उन्हें बहुत धमकियाँ मिल चुकी है, वो इन धमकियों की परवाह नहीं करती।
इतना ही नहीं, लूसी ने किसी भी अप्रिय घटना के लिए एफसीसी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “मेरी हत्या हो सकती है। मरना तो वैसे भी है। शायद हत्या ही मेरी नियति में है। इसके लिए एफसीसी और स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार होगा। मैं यहाँ कॉन्वेंट में रहूँगी। मैंने पुलिस से सुरक्षा भी माँगी है। लेकिन उन्होंने अब तक कुछ नहीं किया है।”
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गौरतलब है कि, इस हफ्ते की शुरुआत में सिस्टर लूसी ने कॉन्वेंट में बंधक बनाने और प्रार्थना से रोके जाने को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि सोमवार (अगस्त १९, २०१९) की सुबह जब प्रार्थना के लिए तैयार हुई तो कॉन्वेंट से निकल नहीं पाई, क्योंकि उन्हें बाहर से बंद कर दिया गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुँच उन्हें बाहर निकाला था।
स्त्रोत : ऑपइंडिया