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#RenameTippuExpress : जोर पकड रही है क्रूरकर्मा टिपू के नाम से चलनेवाली गाडी का नाम बदलने की मांग !

टीपू एक्सप्रेस बैंगलोर और मैसूर के बीच चलने वाली एक सुपरफास्ट ट्रेन है। इस ट्रेन का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने मैसूर साम्राज्य पर शासन किया। टीपू सुल्तान, जिसने १७८३ से १७९९ तक मैसूर राज्य पर शासन किया। यह ट्रेन मैसूर से ११.३० बजे छूटती है और १४.०० बजे बैंगलोर पहुँचती है; यह बैंगलोर सिटी को १५.०० बजे छोडती है और १७.३० बजे मैसूर पहुंचती है।

टीपू का इतिहास हमेशा इतिहासकारों के लिए बहस का विषय रहा है। क्योंकी जिहादी क्रूरकर्मा टिपू सुलतान ने उसके कार्यकाल में दक्षिण भारत के ८ सहस्र से भी अधिक मंदिर नष्ट किए थे। इसमें अधिकतर मंदिर केरल के मलबार एवं कोचीन के थे। दक्षिण की सत्ता हाथ में आते ही  टीपू सुलतान ने ‘सभी काफिरों को (हिन्दुओं को) मुसलमान करेंगे’ ऐसी भर सभा में प्रतिज्ञा ली थी ! उसने हर एक गांव के मुसलमानों को लिखित रूप में सूचित किया कि ‘सारे हिन्दुआें को इस्लाम की दीक्षा दें।

टीपू ने हिन्दू मंदिर और गिरजाघरों को अपवित्र कर जला दिया और जिन लोगों ने मुसलमान बनने से इंकार किया उनकी उसी समय हत्या कर दी। टीपू ने बडी मात्रा में हिन्दुआें का धर्मपरिवर्तन किया। एेसे जिहादी क्रूरकर्मा टिपू सुल्तान के नाम पर चलनेवाली ट्रेन का नाम बदलकर कृष्णराज वोडेयार और सर एम विश्वेश्वरैया के नाम पर रखा जाए एेसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की थी। हिन्दू जनजागृति समिति के मोहन गौडा के नेतृत्व में कार्यकर्ताआें ने मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा से मुलाकात की और उनसे ट्रेन का नाम बदलने के लिए ज्ञापन दिया।

इसके बाद हिन्दुआेंद्वारा जगह-जगह टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलने के लिए आंदोलन भी किया गया। कल (अगस्त २८, २०१९) इस मांग ने सोशल साइट ट्विटर पर भी जोर पडका। #RenameTippuExpress से ट्रेंड चलाकर हिन्दुआें ने अपनी मांग को व्यापक रुप दिया।

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