सिडनी : खत्म हुआ १७ घंटे चला बंधक संकट, सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ाया गया

एक अन्य बंधक के साथ बाहर निकलते भारतीय बंधक अंकित(सफेद शर्ट में)।

सिडनी : ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में मार्टिन प्‍लेस स्थित लिंट चॉकलेट कैफे में बंधकों को छुड़ाने का ऑपरेशन १७ घंटे बाद खत्म हो गया है।  दो भारतीयों सहित सभी बंधकों को बाहर निकाल लिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने इस बात की पुष्टि की है कि कैफे के अंदर दो भारतीय बंधक थे। इनमें से एक इनफोसिस के कंपनी के अंकित रेड्डी हैं। दूसरे बंधक का नाम उन्होंने नहीं बताया। दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। अंकित रेड्डी ने भारत में परिवार से बात करके खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी है।  छुड़ाए गए कुछ बंधकों घायल अवस्था में कैफे से बाहर निकाल गया। सभी घयालों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने ऑपरेशन खत्म होने की पुष्टि की है।

करीब साढ़े आठ बजे पुलिस ने  निर्णायक ऑपरेशन शुरू किया।  फायरिंग के बीच पुलिस कैफे के अंदर घुस गई है। इस दौरान सात बंधकों को कैफे से बाहर निकाला गया। इनमें इंफोसिस के भारतीय कर्मचारी अंकित रेड्डी भी शामिल थे। कुछ बंधक घायल अवस्था में बाहर निकाले गए ।

ईरानी मूल का है आतंकी

ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने हमलावर की पहचान ईरानी शरणार्थी शेख हारुन मोनिस के रूप में की है। आतंकी हाईटेक बताया जा रहा है। उसके हाथ में आईपैड देखा गया है। उसकी पुलिस से बातचीत चल रही है। लेकिन, कोई हल नहीं निकला है। शाम होते ही कैफे में अंधेरा छा गया है। इस वजह से वहां से ताजा जानकारी भी सामने नहीं आ रही है। ऑस्‍ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे बंधकों की सलामती के लिए दुआ करें। उधर, बेल्जियम के खेंट शहर में भी चार हथियारबंद लोग एक अपार्टमेंट में घुस गए और उन्होंने एक व्यक्ति को बंधक बना लिया है। अभी प्रशासन ने इसे आतंकी घटना नहीं माना है।

शेख हारुन मोनिस

ईरानी मूल का है शेख मोनिस

खुद को मुस्लिम धर्मगुरु कहलाने वाला शेख मोनिस ४९ साल का है। सिडनी के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में रहता है। १९९६ में वह ईरान से ऑस्ट्रेलिया आया था। वह अफगानिस्तान युद्ध में ऑस्ट्रेलिया सैनिकों की तैनाती का विरोध करता था। मोनिस युद्ध में मारे गए ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के परिवारों को नफरत भरे ई-मेल करता था। यह पहला मौका था, जब वह पुलिस की नजरों में आया। पुलिस ने आखिरी बार उसे पूर्व पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह सात महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोपी भी है।

शाम होते ही बंद हुआ लाइव अपडेट आना

लिंट कैफे के सामने स्थित चैनल ७ के न्‍यूजरूम से पत्रकार क्रिस रीजन दिन भर घटना का अपडेट देते रहे। लेकिन शाम होते ही कैफे में अंधेरा  छाने की वजह से वह भी कुछ नहीं देख पा रहे हैं। सरकार ने पहले घटना के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में क्रिस को न्‍यूजरूम में वापस जाने की इजाजत दी और केवल रेडियो के जरिए जानकारी सार्वजनिक करने को कहा।

झल्‍ला गया था आतंकी

क्रिस ने बताया कि पांच बंधकों के भाग जाने के बाद आतंकी झल्‍ला गया था। वह गुस्‍सा जाहिर कर रहा था। शाम में कैफे की लाइट बंद होने से पहले तक क्रिस के न्‍यूजरूम से कैफे का नजारा कुछ हद तक दिखाई दे रहा था। उन्‍होंने बताया कि आतंकी बारी-बारी से बंधकों को खिड़की पर खड़े करता था। क्रिस ने अपने न्‍यूजरूम से बंधकों के लिए खाना ले जाते हुए भी देखा था।

आतंकी की शर्त

हमले के करीब छह घंटे बाद पुलिस आतंकी से संपर्क साध सकी थी। बताया जा रहा है कि उसने बंधकों की रिहाई के लिए शर्त रखते हुए ऑस्‍ट्रेलियाई सरकार से आईएसआईएस का झंडा सौंपने और प्रधानमंत्री से बातचीत कराने की मांग रखी है। पुलिस ने उसकी मांग के बारे में मीडिया को कुछ भी रिपोर्ट करने से मना किया है।

बंधक कितने, इस पर सस्‍पेंस

पुलिस बंधकों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन चला रही है। यह आतंकी हमला है या नहीं और इसके पीछे कौन है, इस बारे में पुलिस अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह रही है। बंधकों की संख्‍या को लेकर भी तरह-तरह की खबरें आ रही हैं। शुरू में ५० बंधकों के होने की खबरें आईं, पुलिस ने ४० बंधक होने की बात कही। बाद में क्रिस ने ट्वीट किया कि वह १५ बंधक ही गिन पा रहे हैं और इनमें एक भी बच्‍चा नहीं है।

स्रोत : जागरण


 सिडनी : एबॉट से बात करना चाहते हैं आतंकी, बंधकों में एक भारतीय

ऑस्ट्रेलिया में एक शॉप में बंदूकधारियों ने ५० से अधिक लोगों को बंधक बना लिया।
इन बंधकों में भारतीयों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। इस शॉप में अरबी में लिखा हुआ एक झंडा भी लहराया गया है।

सिडनी (आॅस्ट्रेलिया ) : ऑस्ट्रेलिया में एक शॉप में बंदूकधारियों ने ५० से अधिक लोगों को बंधक बना लिया। इन बंधकों में एक भारतीय भी शामिल है। बताया गया है कि बंदूकधारी प्रधानमंत्री टोनी एबॉट से बात करना चाहता है। पुलिस आतंकियों से बातचीत कर रही है लेकिन आतंकी आइएस के झंडे की मांग कर रहे हैं। झंडा देने पर आतंकियों ने एक बंधक को रिहा करने की बात कही है। इस शॉप में अरबी में लिखा हुआ एक झंडा भी लहराया गया है।

उल्लेखनीय है कि घटनास्थल से महज ३०० मीटर की दूरी पर भारतीय उप उच्चायोग है। भारतीय विदेश मंत्रालय भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है। भारतीय उप उच्चायोग को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। उधर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने संसद में कहा है कि बंधकों में एक भारतीय शामिल है। बताया जा रहा है कि पांच बंधक भागने में सफल भी रहे हैं जिसमें एक वहीं का कर्मचारी है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने सबके सामने आकर बयान जारी किया और लोगों से संयम बरतने की अपील की। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने दावा किया है कि कैफे के अंदर सिर्फ एक हमलावर है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की निंदा की है। ट्वीट कर पीएम मोदी ने कहा है कि सिडनी की घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी सुरक्षित रहें।

इधर, पुलिस ने सिडनी की चॉकलेट शॉप में बंधक कांड के बाद आसपास के पूरे इलाके को घेर लिया है। पुलिस ने लोगों को उनके कार्यालयों में ही रोक दिया है। हार्बिन ब्रिज को बंद कर दिया गया है। ट्रेनों के आवागमन को रोक दिया गया है। इलाके को खाली कराया जा रहा है। मौके पर न्यू साउथ वेल्स की पुलिस मौजूद है। इस बीच, प्रसिद्ध ओपेरा हाउस के पास संदिग्ध पैकेट मिलने के बाद उसे खाली करा दिया गया है।

ऑस्ट्रेलियाई टेलीविजन पर तस्वीरों में दिखाया गया है कि शॉप के अंदर मौजूद लोग खिड़की की तरफ पीठ और अपने हाथ ऊपर करके खड़े हैं। तस्वीरों में एक काला झंडा भी नजर आया है जिस पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। तीन घंटे से चल रहे इस बंधक कांड के पीछे सीरिया के आतंकी गुट अल सबा का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने सबके सामने आकर बयान जारी किया। एबॉट ने कहा कि अभी बंदूकधारियों का मकसद पता नहीं चला है।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए संयम बरतने और अपना काम जारी रखने को कहा है।

प्रधानमंत्री एबॉट ने कहा, सुरक्षाबल आतंकी घटना से निपटने में सक्षम

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा है कि कैबिनेट की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति को इस मामले की जानकारी दे दी गई ही है। एबॉट ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक घटना है, लेकिन देशवासियों को फिर से आश्वस्त होना चाहिए कि हमारी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं और पेशेवर तरीके से इस घटना से निपट रही हैं। लोग इससे घबराएं नहीं और अपना काम करते रहें।

स्रोत : जागरण

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