गुरु नानकदेव की धरती पर खतरे में सिख !
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कोई ख़ास कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है ! अफगानिस्तान और ईरान में भी सिखों की ऐसी ही हालत है !
सिख लडकी को घर से उठाकर आतंकी से निकाह कराने की घटना ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होनेवाले अत्याचार को फिर से बेनकाब कर दिया है ! जिस पाकिस्तान में गुरु नानक देव का जन्मस्थान ननकाना साहिब है वहॉं सिखों के अस्तित्व पर ही खतरा मॅंडरा रहा है !
१५ साल में उनकी आबादी घटकर ४० हजार से ८ हजार पर सिमट गई है ! सिखों का अस्तित्व खत्म करने के लिए कितनी बडी साजिश चल रही है इसे गुरुवार (२९ अगस्त) को सामने आई घटना से भी समझा जा सकता है !
ननकाना साहिब गुरुद्वारा तंबी साहिब के एक ग्रंथि (सिख पुजारी) की १९ साल की बेटी को घर से गुंडे घसीट कर ले गए। जबरन इस्लाम कबूल करवाया और फिर हाफिज सईद के आतंकी संगठन के जमात-उद-दावा के मोहम्मद हसन से उसका निकाह करवा दिया गया !
मामले के तूल पकडने पर पहले पीडित लडकी का एक वीडियो सामने आया। इसमें बताया गया कि, उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल कर हसन से निकाह की है। फिर लडकी को डराने-धमकाने की बात सामने आई। इस्लाम कबूल नहीं करने पर उसके पिता और भाई को गोली से मार देने की धमकी दी गई। अब भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने दबाव के कारण पीडिता को सुरक्षित उसके घर पहुँचाने की बात सामने आई है ! परंतु पीडिता के भार्इ ने बयान आया है कि न उसकी बहन घर लौटी, न कोई गिरफ्तार हुआ है।
लेकिन हर मामला न तो इतना तूल पकड पाता है और न ही उस तरह से पाकिस्तान पर दबाव बन पाता है ! लिहाजा, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को प्रताडित करने का सिलसिला दिनोंदिन बढता ही जा रहा है ! खबर के अनुसार, पाकिस्तान में २०१७ में हुई जनगणना में सिखों की आबादी ८ हजार है ! २००२ में पाक में सिखों की आबादी ४० हज़ार होने का अनुमान लगाया गया था !
लाहौर के जीसी कॉलेज यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक और अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ता प्रोफेसर कल्याण सिंह के अनुसार सिखों की आबादी घटने का एक बडा कारण जबरन धर्म परिवर्तन भी है ! विश्व के समृद्ध सिख समुदाय की ओर से पाकिस्तान के सिखों की दशा की अनदेखी को भी वे इसके लिए ज़िम्मेदार मानते हैं !
उन्होंने कहा कि, अफगानिस्तान और ईरान में भी सिखों की ऐसी ही हालत है ! पाकिस्तान में सिखों या अल्पसंख्यकों के लिए अपना कोई फैमिली लॉ जैसा मज़बूत कानून नहीं है। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कोई ख़ास कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है !
पाकिस्तान की प्रशासनिक व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, जाँचकर्ता से लेकर वकील और जज तक, अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम हैं। इसलिए सिख समुदाय से जुडे मुद्दों का कानूनी तौर पर कोई समधान मौजूद ही नहीं होता ! शेष बचे आठ हज़ार सिखों की सबसे बडी परेशानियों में शिक्षा, ग़रीबी और भेदभाव जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं !
स्त्रोत : ऑप इंडिया